झारखंड के इंटर कॉलेजों में 15 साल के अनुभव वाले शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता खत्म

कॉलेज में नई नियुक्ति के लिए जैक बोर्ड का अनुमोदन जरूरी हो जाएगा। नियुक्ति के अनुमोदन के लिए बनी कमेटी में आरडीडीई, परिषद के एक सदस्य व दो विषय के एक्सपर्ट होंगे।

By Edited By: Publish:Thu, 26 Jul 2018 11:02 PM (IST) Updated:Fri, 27 Jul 2018 05:51 PM (IST)
झारखंड के इंटर कॉलेजों में 15 साल के अनुभव वाले शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता खत्म
झारखंड के इंटर कॉलेजों में 15 साल के अनुभव वाले शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता खत्म

रांची। इंटर कॉलेज के शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। जिन शिक्षकों की सेवा 15 वर्ष हो चुकी है उनके लिए बीएड की अनिवार्यता नहीं होगी। राज्य बनने के बाद पहली बार इंटर कॉलेज शिक्षक/ शिक्षकेतर कर्मचारी सेवा शर्त नियमावली-2018 को जैक की मान्यता समिति ने अनुमोदित कर दिया है। जैक अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में परिषद की मान्यता समिति की बैठक में शिक्षकों व कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लिए गए। सात स्कूल व कॉलेजों को स्थापना अनुमति तथा आठ की प्रस्वीकृति की अनुशसा सरकार से की गई।

प्रस्वीकृति की मानक शर्त पूरा नहीं करने वाले आठ मदरसा की प्रस्वीकृति रद करने तथा आठ विद्यालय व तीन इंटर कॉलेजों की स्थापना अनुमति रद करने का भी निर्णय हुआ। बैठक में विधायक सह सदस्य अनंत ओझा, सचिव रजनीकात वर्मा, अजय गुप्ता, हरमिंदर वीर सिंह व डॉ. पुष्कर बाला थे। बिना जैक बोर्ड के नहीं हटाए जा सकते शिक्षक सेवा शर्त नियमावली के अनुसार कॉलेज के शासी निकाय किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को बिना जैक बोर्ड के अनुमति के नहीं हटाया जा सकता है। कॉलेज में नई नियुक्ति के लिए जैक बोर्ड का अनुमोदन जरूरी हो जाएगा। नियुक्ति के अनुमोदन के लिए बनी कमेटी में आरडीडीई, परिषद के एक सदस्य व दो विषय के एक्सपर्ट होंगे।

शिक्षकों की नहीं होगी कमी
इंटर कॉलेजों में जो भी नियुक्ति होगी वह 2009 के मानक के अनुसार होगा। इसके तहत प्राचार्य, हर विषय के एक-एक शिक्षक, भाषा साहित्य में दो-दो शिक्षक होंगे। इसके अलावा किसी विषय में 128 से अधिक विद्यार्थी होने पर अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति की जा सकती है। सेवा शर्त नियमावली के अनुसार शिक्षकों की सेवानिवृत्ति 60 वर्ष में होगी। यदि कॉलेज के शासी निकाय चाहे तो वित्त व कार्मिक के नियम के तहत सेवा विस्तार दे सकता है। नियमावाली में शिक्षकों को दंड का प्रावधान भी है। कॉलेज में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति विज्ञप्ति के माध्यम से होगी। 9000 शिक्षाकर्मियों को मिलेगा लाभ सेवाशर्त नियमावली लागू होने से 200 स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त व 130 स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेजों के करीब 9000 शिक्षाकर्मियों को फायदा था। इसके लिए वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा लंबे समय से संघर्ष कर रहा था। नियमावली के अनुमोदन के बाद मोर्चा के रघुनाथ सिंह, सुरेंद्र झा, हरिहर कुशवाहा, अरविंद सिंह, देवनाथ प्रसाद, मनीष कुमार, विनोद कुमार आदि ने जैक अध्यक्ष व सचिव को धन्यवाद दिया है।

 इन स्कूलों को दी गई स्थापना अनुमति
- संत पीटर उवि गुमला, - प्रस्तावित कोयलेश्वर नाथ विद्या मंदिर, बनारी विशुनपुर गुमला -प्र. डॉ. आशा सिन्हा इंटर कॉलेज चियाकी पलामू को तीनों संकाय के लिए - रामगढ़ इंटर महिला कॉलेज रामगढ़ को विज्ञान संकाय के लिए - निर्मला कॉलेज राची को वाणिज्य के लिए - प्र. जगन्ननाथ महतो इंटर कॉलेज मंझलाडीह, गिरिडीह को तीनों संकाय - प्र. नंदलाल साव इंटर कॉलेज हिसरा, पलामू को तीनों संकाय इनकी प्रस्वीकृति की अनुशसा - प्र. पावन क्रूस उवि भुरकुंडा रामगढ़ -प्र. आरटीसी पब्लिक स्कूल, मुरी, राची -प्र. आरटीसी पब्लिक स्कूल, केदल, राची -आनंद मार्ग आवासीय उवि खैराचातर, कसमार, बोकारो -भद्रकाली इंटर कॉलेज ईटखोरी, चतरा तीनों संकाय -चंदनकियारी इंटर कॉलेज, चंद्रा, बोकारो विज्ञान संकाय -आदर्श प्रा. सह मध्य संस्कृत विद्यालय जरियावागी, चतरो, देवरी, गिरिडीह -इंदिरा गाधी जनजातीय प्रा. सह माध्यमिक संस्कृत विद्यालय, पोड़ैयाहाट, गोड्डा

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