मां शारदे की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार

लोहरदगा में सरस्वती पूजा कल तैयारी पूरी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 06:12 AM (IST)
मां शारदे की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार
मां शारदे की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार

जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में मां सरस्वती की पूजा को लेकर तैयारियां जोर पकड़ कर चुकी है। हालांकि क‌र्फ्यू की वजह से इस बार पिछले साल की तरह तो तैयारी नहीं है, बावजूद इसके मां सरस्वती की पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में एक उत्साह नजर आ रहा है। शहर में भले ही सरस्वती पूजा को लेकर इस बार कोई तामझाम ना हो, परंतु घरों में पूजा-अर्चना करने और शिक्षण संस्थानों में पूजा को लेकर लोगों द्वारा तैयारी की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में इस बार भी सरस्वती पूजा को लेकर पूरी तैयारी है। लोग जिला प्रशासन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। जिससे कि क‌र्फ्यू के नियम का पालन भी हो सके और आस्था को लेकर कोई समझौता भी ना हो। लोग जिला प्रशासन से इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश की अपेक्षा किए हुए हैं। हालांकि क‌र्फ्यू को लेकर इस बार मां शारदे की प्रतिमा को तैयार करने वाले श्रद्धालुओं में थोड़ी निराशा तो जरूर है। परंपरागत रूप से मां शारदे की प्रतिमा तैयार कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले श्रद्धालु और मूर्तिकार भी क‌र्फ्यू के हालात को लेकर निराश नजर आ रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में पूजा-अर्चना को लेकर उन्हें उम्मीद है कि लोग मूर्तियों की खरीदारी जरूर करेंगे। लोग अब तक कई प्रतिमाओं की बुकिग भी करा चुके हैं। लोगों को बस यह चिता है कि वह पूजा स्थल तक अपनी मूर्तियों को लेकर जाएं कैसे। पुलिस के पहरे के कारण लोगों को इसमें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में यह समस्या तो बनी हुई है, जबकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को थोड़ी राहत है। पुलिस प्रशासन का प्रयास भी है कि जनजीवन को सामान्य बनाते हुए लोगों को उनके नैतिक और मौलिक अधिकारों में स्वतंत्रता प्रदान की जाए। इसके लिए लोगों से सहयोग की अपेक्षा भी पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर रहे हैं। मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर इस बार विद्यार्थी वर्ग थोड़ी निराश जरूर हैं। कारण है कि पूजा-अर्चना भव्य रूप से हर साल उनके शिक्षण संस्थानों में की जाती थी, परंतु इस बार जो हालात है, उसकी वजह से वह व्यापक तौर पर पूजा को लेकर तैयारी नहीं कर पाए।

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