धान क्रय के लिए सात में दो केंद्र ही खुले

जामताड़ा : जिला प्रशासन के निर्देश के बाद भी जिले के विभिन्न प्रखंड मुख्यालय में धान क्रय के लिए चिन्

By Edited By: Publish:Wed, 18 Jan 2017 01:12 AM (IST) Updated:Wed, 18 Jan 2017 01:12 AM (IST)
धान क्रय के लिए सात में दो केंद्र ही खुले
धान क्रय के लिए सात में दो केंद्र ही खुले

जामताड़ा : जिला प्रशासन के निर्देश के बाद भी जिले के विभिन्न प्रखंड मुख्यालय में धान क्रय के लिए चिन्हित सात केंद्र में अब तक महज दो क्रय केंद्र आरंभ हो पाया है। इस वजह से पंजीकृत किसानों में बेचैनी बढ़ गयी है। उन्हें अपनी आवश्यकता पूरी करने के लिए औने-पौने दाम में यत्र-तत्र धान बेचना पड़ रहा है।

-- कहां खुलना था धान क्रय केंद्र : सरकार की अधिकृत नैकाफ कंपनी ने जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय के एक पैक्स में धान क्रय केंद्र खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन अब तक जामताड़ा प्रखंड के दक्षिणबहाल पैक्स व नारायणपुर के सबनपुर पैक्स में धान क्रय केंद्र खुल पाया है। केवल यहीं धान का क्रय संभव हो पा रहा है। ।

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इन प्रखंडों में नहीं खुला केंद्र : जिले के नाला प्रखंड के मडालो पैक्स, फतेहपुर के सिमुलडूबी पैक्स, जामताड़ा के जामताड़ा पैक्स, करमाटांड के करमाटांड पैक्स व कुंडहित के कुंडहित पैक्स में धान क्रय केंद्र का संचालन आरंभ नहीं हो पाया है।

--किसानों को नहीं मिल रहा एसएमएस : जिले में आरंभ हुए धान क्रय केंद्र से पंजीकृत किसानों को एसएमएस नहीं मिलने से भी किसान परेशान है। जहां क्रय केंद्र आरंभ नहीं हुआ है वहां के भी किसान ¨चतित है कि आखिर धान क्रय प्रक्रिया आरंभ होगी भी नहीं।

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धान क्रय को किसान परेशान : जिले के चिन्हित पैक्सों में अब तक धान क्रय प्रक्रिया आरंभ नहीं होने से किसानों को अपना धान औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है। वहीं किसान महाजन के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। किसानों की मानें तो बताते हैं कि खुले बाजार में धान एक हजार रुपये प्रति ¨क्वटल बेचना पड़ रहा है। इस दर से धान बेचने पर किसानों को प्रति ¨क्वटल 400 से 500 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि सरकार ने 1600 रुपए प्रति ¨क्वटल दर निर्धारित किया है। गत वर्ष के तुलना में इस वित्तीय वर्ष में जिले में धान क्रय केंद्रों की संख्या कम कर दी गयी है। गत वर्ष दो दर्जन पैक्स में धान क्रय केंद्र खुला था।

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क्या कहते है लैंप्स अध्यक्ष : नाम नहीं छापने की शर्त पर बतातें हैं कि गत वर्ष जिले के सभी पैक्सों में लैंप्स अध्यक्ष के माध्यम से धान क्रय किया गया था लेकिन इस वर्ष सरकार निजी कंपनी को अधिकृत की है। कंपनी ने हर जगह केंद्र नहीं खोला है। कहा लैंपस अध्यक्षों को धान क्रय करने संबंधित किसी प्रकार का निर्देश विभाग से प्राप्त नहीं है।

--- क्या कहते हैं किसान : छविलाला प्रसाद, देवचरण मंडल, विनय कांत ने कहा कि धान कटनी समाप्त हुए लगभग दो माह गुजर जाने के बाद भी धान बेचने की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं बनी है। किसानों के लिए दुर्भाग्य की यह बात है। जिले की प्रमुख फसल धान है। इसी फसल पर जिले के अस्सी फीसद परिवार का जीवन-यापन निर्भर है। ऐसे में किसान कम दर पर धान बेचने को विवश हैं।

--क्या कहते हैं जिला समन्यवक : जिले में प्रथम चरण में सात पैक्सों में धान क्रय केंद्र खोलने को ले कंपनी प्रयासरत है। अब तक दो पैक्सों में धान क्रय केंद्र का संचालन आरंभ किया जा चुका है। शेष केंद्रों में दो दिन के अंदर धान क्रय प्रक्रिया आरंभ हो जायेगी। इसको ले विभिन्न प्रखंड में कंपनी के प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं।

-- सुधीर कुमार मंडल,जिला समन्यवक,नैकाफ।

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