बिजली विभाग का कर्मचारी बनकर बिल जमा करने के नाम पर लोगों को लगाया लाखों का चूना

50 लोगों से ठगी कर रांची का अफताब आलम लाखों की ठगी कर फरार हो गया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 10:50 PM (IST)
बिजली विभाग का कर्मचारी बनकर बिल जमा करने के नाम पर लोगों को लगाया लाखों का चूना
बिजली विभाग का कर्मचारी बनकर बिल जमा करने के नाम पर लोगों को लगाया लाखों का चूना

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड बिजली वितरण निगम का कर्मचारी बनकर 40 से 50 लोगों से बिजली का बिल घटाकर जमा करवाने का झांसा देकर रांची का अफताब आलम लाखों की ठगी कर फरार हो गया है। इस शख्स ने जमशेदपुर के भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है और उनसे 10 से 15 लाख रुपये की ठगी की है। जमशेदपुर के सीनियर एसपी डॉ. एम तमिल वानन से इसकी लिखित शिकायत सीतारामडेरा थाना क्षेत्र भालूबासा कालिदी बस्ती निवासी कामदेव पान ने की हैं। उसे भी आफताब आलम ने 4 से 5 लाख रुपये का चूना लगाया है। सीनियर एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया है और सीतारामडेरा थाना पुलिस को इसकी जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं।

इधर, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू में लीगल नोटिस जारी कर आफताब आलम को जारी किया है नोटिस में पूरी बात का उल्लेख करते हुए आफताब आलम से जवाब तलब किया गया है, और कहा गया है कि अगर नोटिस का जवाब एक पखवाड़े के भीतर नहीं दिया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगा। कोर्ट में मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है

मूलत सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ निवासी कामदेव पान मुख्य रूप से वायरलेस इलेक्ट्रिक, मोशन सेंसर बॉल्व, रिमोट कंट्रोल बल्ब, इलेक्ट्रिक स्कूटर एवं ड्रोन जैसे छोटे-मोटे सामान बनाकर वह उसकी ऑनलाइन बिक्री करता है। उसकी ऑनलाइन मुलाकात आफताब आलम से हुई जो रांची के बड़ी मस्जिद हाफिज गली हिद पीढ़ी का निवासी हैं। उसने अपना परिचय बिजली वितरण निगम के कर्मचारी के रूप में दिया था। कामदेव ने बताया उसने अफताब आलम से एलईडी बल्ब की ऑनलाइन खरीद बिक्री शुरू की। एक दिन उसने कामदेव पान को बताया कि वह बिजली विभाग का बहुत सारा काम ही करवाता है। जैसे बिल जमा कराना, नया कनेक्शन और भी विभाग के अन्य काम। उसने यह भी बताया कि वह बिजली का बिल आधा करवा कर जमा भी करवा देता है। झारखंड में कहीं का भी काम करवा सकता है। उसका बड़े बड़े अधिकारियों से करीबी संबंध है। घर का भी वह बिजली बिल जमा करवा दिया करता है। कामदेव पान ने अपने पड़ोसी को इस बारे में चर्चा की। पड़ोसी ने उसे बताया उसके घर का बिल 21000 है।वह आधा बिल करवा कर उसे जमा करवाने को तैयार हो गया , लेकिन कामदेव पान ने शर्त यह रखी कि अफताब आलम उसका बिल पहले जमा करवा दें। बिल भेजवा दें उसके बाद वह उसका आधा पेमेंट कर देगा। आफताब आलम ने बिना किसी संकोच के उसके बिल ले लिए और उसे जमा करवा कर उसके घर बिल भेजवा भी दिया। बाद में कामदेव ने उसे10000 रुपया पेमेंट भी कर दिए। कामदेव का विश्वास बढ़ गया। इसी बीच कामदेव पान के घर में जो बिजली का बिल आया वह दुगुना बनकर आया, यानी कि पीछे वाला बिल भी उसमें जोड़ कर भेजा गया. इसी तरह की शिकायत कामदेव ने जिन अन्य लोगों के बिल अफताब से जमा करवाएं उन लोगों ने भी की और बताया कि उनका बिल भी पहले के बिल में जोड़ कर आ रहा है। इसकी शिकायत कामदेव पान ने अफताब से की तो उसने बताया कि कोई बात नहीं है, फिर वह जमा करवा देगा ।गलती से आ गया होगा। कामदेव पान अपने घर का बिजली का बिल लेकर विभाग के कार्यालय पहुंचा तो पता चला कि आज तक उसका बिल जमा ही नहीं हुआ। उसके नाम से जो चेक जमा किया गया था, बिल के तौर पर उससे पैसा जमा नहीं हुआ और वह लौट गया। कामदेव पान ने रांची जाकर अफताब से भेंट की और उसे पूरी बात बताई। अफताब ने कहा ठीक हो जाएगा। उसके बाद तो दर्जनों लोगों की शिकायतें अफताब आलम के खिलाफ मिलने लगी। जिससे उसने बिजली का बिल जमा करने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर ली थी। इन तमाम तथ्यों के सामने आने के बाद जब कामदेव पान ने अफताब आलम से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया जब वह उनके घर रांची पहुंचा तो पता चला कि वह रांची से भी गायब है। कामदेव पान का कहना है कि जब उसने अपने स्तर से पता किया तो जानकारी हुई। उसके घर में अफताब आलम द्वारा जो बिजली का बिल भेजा जाता था और ऑनलाइन डिपॉजिट के पेपर दिए जाते थे। वह फर्जी थ। फर्जी दस्तावेज बनाकर वह लोगों से ठगी कर रहा था

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