Tata Group : जेपी मॉर्गन इंडिया के चीफ टाटा संस के बोर्ड में शामिल, जानिए कौन हैं लियो पुरी

Tata Group देश की सबसे पुरानी औद्योगिक समूह टाटा संस ने अपने बोर्ड में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड में जेपी मोर्गन के इंडिया चीफ लियो पुरी को शामिल किया गया है। जानिए लियो पुरी के बोर्ड में आने से क्या-क्या बदलाव होंगे...

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sat, 02 Apr 2022 10:24 AM (IST) Updated:Sat, 02 Apr 2022 10:24 AM (IST)
Tata Group : जेपी मॉर्गन इंडिया के चीफ टाटा संस के बोर्ड में शामिल, जानिए कौन हैं लियो पुरी
Tata Group : जेपी मॉर्गन इंडिया के चीफ टाटा संस के बोर्ड में शामिल, जानिए कौन हैं लियो पुरी

जमशेदपुर, जासं। वित्तीय क्षेत्र के दिग्गज और जेपी मॉर्गन इंडिया के अध्यक्ष (दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया) लियो पुरी को टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया है। 58 वर्षीय पुरी को कंसल्टेंसी में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वे वित्त, मैकिंजे, वारबर्ग पिंक्स और यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी में भी काम कर चुके हैं।

उन्हें करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि पुरी ने समय के साथ वित्तीय सेवा क्षेत्र में जटिल परिस्थितियों से निपटने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। वे टाटा संस के लिए बहुमूल्य साबित होंगे। टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन भी पेशेवर रूप से पुरी से अच्छी तरह परिचित हैं, जब से उन्होंने टीसीएस के सीईओ के रूप में नेतृत्व शुरू किया था, उन्हें बोर्ड में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। हालांकि यह अभी तक टाटा संस ने इसकी घोषणा नहीं की है कि उन्हें बोर्ड में शामिल किया गया है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि उन्हें बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल किया गया है।

टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष विजय सिंह भी बने बोर्ड का हिस्सा

टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष विजय सिंह को भी आधिकारिक तौर पर टाटा संस के बोर्ड का हिस्सा बनाया जा रहा है। उनके नाम का प्रस्ताव और अनुमोदन किया जा रहा है। 11 फरवरी को होल्डिंग कंपनी की आखिरी बोर्ड बैठक में ही चंद्रशेखरन को पांच साल के लिए चेयरमैन के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था।

टाटा ट्रस्ट ने हाल ही में प्रबंधन और शेयरधारक अभ्यावेदन के बीच बेहतर संतुलन बनाने के लिए बोर्ड में अपने प्रतिनिधित्व को मजबूत करने की मांग की है। अंदरूनी सूत्र ने कहा कि पुरी के बोर्ड में वित्त संबंधी विशेषज्ञता लाने की उम्मीद है। ग्रुप सीएफओ सौरव अग्रवाल भी बोर्ड में हैं। टाटा संस 103 अरब डालर के समूह के बोर्ड में अधिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए भी उत्सुक है, जो कई जटिल चुनौतियों का सामना करता है।

टाटा संस बोर्ड की रूपरेखा तय

फिलहाल टाटा ट्रस्ट के नामितों और स्वतंत्र निदेशकों की तुलना में टाटा संस के बोर्ड में चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन, सीएफओ सौरव अग्रवाल, भास्कर भट और राल्फ स्पेथ सहित कई प्रबंधन प्रतिनिधि हैं। वर्तमान में वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ही बोर्ड में ट्रस्ट के नामांकित व्यक्ति हैं, जबकि अजय पीरामल और हरीश मनवानी स्वतंत्र निदेशक हैं।

टाटा ट्रस्ट और टाटा संस ने हाल ही में टाटा संस के बोर्ड में ट्रस्ट नोमिनी की आयु सीमा 70 वर्ष से बढ़ाकर 75 वर्ष करने का एक प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद ही टाटा ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन विजय सिंह को बोर्ड में फिर से शामिल होने में सक्षम बनाया। उन्होंने 2018 में बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।

टाटा संस की इक्विटी पूंजी का लगभग 66 प्रतिशत टाटा परिवार के सदस्यों द्वारा संपन्न परोपकारी ट्रस्टों के पास है। इनमें से सबसे बड़े दो ट्रस्ट सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट हैं। टाटा संस में जहां 18 प्रतिशत हिस्सेदारी शापूरजी पालोनजी परिवार के पास है, वहीं शेष टाटा समूह की नौ कंपनियों के पास है।

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