194 अवैध कनेक्शन, प्रत्येक से वसूला जाएगा 25-30 हजार अर्थदंड

नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल इन्वेस्टीगेशन यानि एनसीडीसी की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में जुस्को जलापूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 10:13 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 10:13 PM (IST)
194 अवैध कनेक्शन, प्रत्येक से वसूला जाएगा 25-30 हजार अर्थदंड
194 अवैध कनेक्शन, प्रत्येक से वसूला जाएगा 25-30 हजार अर्थदंड

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल इन्वेस्टीगेशन यानि एनसीडीसी की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में जुस्को जलापूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं पाई है। धतकीडीह क्षेत्र में जांडिस फैलने के संभावित कारण दूसरे हैं। पानी के अवैध कनेक्शनों को काट दिया गया है। कुल 194 अवैध कनेक्शनधारियों नोटिस भेज झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत अवैध कनेक्शन को वैध करने के लिए 25 से 30 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।

सेंटर फॉर एक्सीलेंस में सोमवार दोपहर धतकीडीह में फैले जॉन्डिस पर जानकारी देते हुए जुस्को के महाप्रबंधक (जेटीओ) कैप्टन धनंजय मिश्रा ने ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि अवैध कनेक्शन को वैध करने वाला उनका यह अभियान जल्द ही पूरे शहर में चलेगा। दो सप्ताह के अंदर जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निकाय के सहयोग से अभियान का रोडमैप तैयार किया जाएगा। अवैध कनेक्शनों को वैध करने के लिए यह अभियान पूरे शहर में चलाया जाएगा। धतकीडीह में सभी अवैध सीवरेज व पानी के कनेक्शन की जाचकर सफाई की जा चुकी है। अब स्थिति नियंत्रण में है।

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हर माह जिला प्रशासन को दी जाती है अवैध निर्माण की रिपोर्ट

कैप्टन मिश्रा ने बताया कि टाटा स्टील लैंड विभाग द्वारा प्रतिमाह जिला प्रशासन को अवैध निर्माण कायरें की रिपोर्ट भेजी जाती है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती और बिना कोई नक्शा पास हुए बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो रही हैं। गैरकानूनी निर्माण को रोकने के लिए जुस्को के पास प्रशासनिक या दंडात्मक कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है।

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29 अगस्त को जिला प्रशासन को जांच रिपोर्ट सौंपी गई

सोमवार को जुस्को कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि धतकीडीह के कुछ क्षेत्रों में विगत 6 अगस्त से जांडिस फैलने की बात सामने आई थी। एनसीडीसी दिल्ली की दो सदस्यीय टीम में शामिल एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विसेज ऑफिसर डॉ. सैयद शुझा कादरी व डॉ. केविसेताओ एंथनी डिजाये ने राज्य व जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर संदिग्ध हेपेटाइटिस की जांच की। 29 अगस्त को जिला प्रशासन को जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जांच में जुस्को पेयजलापूर्ति, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व वाटर स्टोरेज के पानी को किसी तरह से दूषित होने की बात को साफ तौर पर खारिज कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में संभावना जताई गई कि क्षेत्र में गंदगी व पीने के पानी के दूषित होने की वजह से हेपेटाइटिस ई का फैलाव हुआ। लैब की जांच में भी धतकीडीह क्षेत्र में हेपेटाइटिस ए फैलने की पुष्टि हुई है। इसका मुख्य कारण भी पीने के पानी के साथ सीवेज पाइपलाइन का मिक्स होना बताया गया है। साथ ही कैपेक्स स्कीम के तहत शहर में सीवरेज लाइन को बदलने का अभियान चलाया जाएगा। खाली पड़े क्वार्टरों को कब्जे से बचाने के लिए निजी एजेंसियों से मदद ली जा रही है। पश्चिम जमशेदपुर और सेंट्रल जमशेदपुर में क्वार्टरों को तोड़ने के साथ ही डेंगू रोकथाम के लिए खाली क्वार्टरों की टंकियों को उतारकर नीचे रखा जा रहा है।

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जांडिस फैलने के ये रहे संभावित कारण

- सीवर व जलापूर्ति लाइन के ऊपर अतिक्रमण

- जलापूर्ति व सीवर के अवैध कनेक्शन

- सीवर का पेयजल आपूर्ति के लाइन से मिल जाना

- अवैध निर्माण

- लोगों के पुराने व जीर्णशीर्ण पिट

- ओवरहेड टैंक व अंडरग्राउंड संप की नियमित सफाई का नहीं होना

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6 अगस्त के बाद जुस्को की ओर से किए गए प्रयास

- धतकीडीह के ए, बी ब्लॉक व जलापूर्ति के मेन पाइपलाइन की सफाई

- इलाके के मेनहोल की सफाई

- धतकीडीह क्षेत्र में साफ पानी के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता कार्यक्रम

- मदरसा के पुरानी पानी के लाइन को बोरवेल के साथ क्लब कर दिया गया था। यहां के जल को दूषित पाए जाने पर जलापूर्ति काट दी गई। नई पाइपलाइन जोड़ी गई।

- बी ब्लॉक लाइन नंबर सात व आठ की जलापूर्ति बंद कर लोगों को ओवरहेड टैंक को साफ करने का अनुरोध किया गया।

- बी ब्लॉक लाइन नंबर सात के 22 मेनहोल की जांच की गई

- सीवर के 195 अवैध कनेक्शन की पहचान

- लाइन नंबर सात व आठ में सात जगहों पर जलापूर्ति लाइन का विचलन मिला।

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