जिले में एक बार फिर सक्रिय हुआ नक्सली आकाश का दस्ता

जमशेदपुर के झामुमो सांसद सुनील महतो की हत्या समेत नक्सली हिसा के कई मामले में वांटेड नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश का दस्ता एक बार फिर पूर्वी सिंहभूम जिले में दस्तक दे चुका है। इस सूचना के बाद जिला पुलिस सतर्क हो गई है और दस्ते को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 05:06 AM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 05:06 AM (IST)
जिले में एक बार फिर सक्रिय हुआ नक्सली आकाश का दस्ता
जिले में एक बार फिर सक्रिय हुआ नक्सली आकाश का दस्ता

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर के झामुमो सांसद सुनील महतो की हत्या समेत नक्सली हिसा के कई मामले में वांटेड नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश का दस्ता एक बार फिर पूर्वी सिंहभूम जिले में दस्तक दे चुका है। इस सूचना के बाद जिला पुलिस सतर्क हो गई है और दस्ते को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दस्ते को काबू करने के लिए खास जोर लगाया जा रहा है।

गौरतलब हो कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान भी दस्ते के खिलाफ पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने जिले के सीमावर्ती इलाके में बंगाल पुलिस के साथ मिलकर कांबिंग अभियान चलाया था। इसके कारण दस्ते के सदस्यों ने सरायकेला-खरसावां, सिंहभूम के सारंडा और खूटी जिले के बार्डर इलाके में ठिकाना बना लिया था और इलाके में सक्रिय नक्सली दस्ते के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। फिलहाल इस दस्ते की सक्रियता दलमा, पटमदा, गालूडीह और बंगाल से सटे सीमा क्षेत्र में है।

---

जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला, गालूडीह, एमजीएम, पटमदा और बोड़ाम इलाका नक्सल प्रभावित है। यहां सीआरपीएफ की चार कंपनियों की मदद से लगातार सर्च अभियान चलाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है।

--

तीन राज्यों की पुलिस की होगी संयुक्त बैठक

कोल्हान डीआइजी कुलदीप द्विवेदी की अध्यक्षता में आठ और नौ नवंबर को जमशेदपुर में झारखंड, बंगाल और ओडिशा पुलिस की संयुक्त बैठक होगी। इसमें झारखंड के जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां और सिंहभूम, बंगाल के पुरुलिया, बलरामपुर, मिदनापुर, झाड़ग्राम, ओडिशा के मयूरभंज, बारीपदा, गुरुमर्षिनी और क्योंझर पुलिस शामिल होगी। इसमें नक्सली गतिविधि और अपराधियों पर कार्रवाई को रणनीति बनेगी।

--

जिले में वीआइपी सेल का गठन

नक्सल प्रभावित इलाके के लिए पुलिस ने वीआइपी सेल का गठन किया है। वीआइपी और नेताओं को सलाह दी गई है कि नक्सल इलाके में जाने से पहले इसकी सूचना पुलिस को जरूर दे ताकि सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा सके।

chat bot
आपका साथी