हृदय को रखना है स्वस्थ तो करें व्यायाम, जंक फूड से रहे दूर

Health Tips. पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष 1.80 करोड़ लोग हार्ट अटैक से मरते हैं। भारत में यह आंकडा 30 लाख प्रतिवर्ष है। सहीं खान-पान नहीं होने और जंक फूड खाने के कारण अब 20 से 40 वर्ष के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 09:36 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 05:52 PM (IST)
हृदय को रखना है स्वस्थ तो करें व्यायाम, जंक फूड से रहे दूर
जो व्यक्ति अपने ह्दय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से व्यायाम करें।

जमशेदपुर, जासं। Health Tipsजो व्यक्ति अपने ह्दय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से व्यायाम करें। हरी सब्जियां खाएं और जंक फूड से दूर रहे। विश्व ह्दय दिवस पर टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) द्वारा डाक्टर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसे संबोधित करते हुए ऑक्यूपेशनल हेल्थ सर्विसेज के एचओडी डॉ. मन्नान मल्लिक ने यह जानकारी दी। इस मौके पर टाटा स्टील, कोक प्लांट के पूर्व कमेटी मेंबर करम अली ने कहा कि ह्दय भगवान द्वारा हमें दिया हुआ बहुत सुंदर उपहार है। लेकिन खान-पान में गडबड़ी के कारण हमारे ह्दय की रक्त धमनियां में ब्लॉकेज हो जाता है जिसके कारण हार्ट अटैक आता है। 

पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष 1.80 करोड़ लोग हार्ट अटैक से मरते हैं। भारत में यह आंकडा 30 लाख प्रतिवर्ष है। सहीं खान-पान नहीं होने और जंक फूड खाने के कारण अब 20 से 40 वर्ष के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। इस पर डा मन्नान ने कहा कि खान-पान में असंतुलन के कारण ही हार्ट अटैक होता है इसलिए नियमित रूप से डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस मौके पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनबिलिटी) संजीव पॉल भी ऑनलाइन उपस्थित थे।

टीएमएच मेन गेट से हटेगा अतिक्रमण

डाक्टर ऑनलाइन में एक बार फिर टीएमएच के रास्ते पर होने वाले अतिक्रमण का मामला उठाया। बताया कि यहां इतनी भीड़ रहती है जिसके कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचने में देर होती है। इस पर संजीव पॉल ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। जल्द ही इस दिशा में बदलाव दिखेगा। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। 

प्रेशर व मधुमेह के आंकडे़ अलग क्यों

डाक्टर आनलाइन में टाटा स्टील के एक कर्मचारी ने सवाल उठाया कि हमें कंपनी के अंदर जो घड़ी दी जाती है उसमें प्रेशर और मधुमेह के आंकड़े और बाहर जांच कराने पर उनके आंकड़े अलग-अलग होते हैं, ऐसा क्यों। इस पर डा मल्लिक ने कहा कि घडी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। हम अपने उपकरण भी ज्यादा भरोसा करते हैं।

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