कलर्स ऑफ इंडिया में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक

गोपाल मैदान में चार दिवसीय विंटर फेस्ट : जमशेदपुर कार्निवाल का शुभारंभ हुआ। कार्निवाल की पहली शाम बेंगलुरू के डांस ग्रुप, स्मार्ट स्टेप ने कलर्स ऑफ इंडिया की प्रस्तुति दी।

By Edited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 10:41 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2018 03:00 AM (IST)
कलर्स ऑफ इंडिया में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक
कलर्स ऑफ इंडिया में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गोपाल मैदान में शनिवार शाम से चार दिवसीय 'विंटर फेस्ट : जमशेदपुर कार्निवाल' का शुभारंभ हुआ। कार्निवाल की पहली शाम बेंगलुरू के डांस ग्रुप, स्मार्ट स्टेप ने 'कलर्स ऑफ इंडिया' की प्रस्तुति दी। 20 मिनट की इस प्रस्तुति में टीम के सदस्यों ने देश के विभिन्न राज्यों के नृत्य पेश कर अनेकता में एकता, अखंड भारत की झलक प्रस्तुत की।

कार्निवाल का शुभारंभ जुबिली पार्क में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (सेफ्टी) संजीव पॉल, जुस्को के एमडी तरुण डागा सहित कंपनी के वरीय अधिकारियों व स्कूल ऑफ होप के बच्चों द्वारा बैलून उड़ाकर किया। इसके बाद स्कूली बच्चों द्वारा डांस फेस्टिवल का प्रस्तुति दी। इस दौरान सेंट मेरीज हाई स्कूल, गोलमुरी, केरला समाजम मॉडल स्कूल, केपीएस कदमा, डीएवी पब्लिक स्कूल और ओडिया स्कूल के बच्चों ने समूह नृत्य द्वारा शहरवासियों को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके अलावे नोवामुंडी, सुकिंदा, कलिंगानगर से आए कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से जमशेदपुरवासियों को मंत्रमुग्ध किया।

आग के साथ कलाकारों ने किया नृत्य

कार्निवाल में एकेडमी श्रेणी में एकेडमी स्तर पर तीन ग्रुप ने अपनी प्रस्तुति दी। इसमें कई शहरवासियों को अद्भुत लगा आकार स्कूल ऑफ डांस की शेप ऑफ फ्लेम। इसमें कलाकारों द्वारा मशाल के रूप में आग का इस्तेमाल करते हुए उसे डांस के साथ जोड़कर प्रस्तुति दी। वहीं टीम रेड द्वारा मेटल व नेचर डांस ग्रुप द्वारा राजा डांस की प्रस्तुति दी जिसका थीम था अर्थ।

पांच राज्यों ने अपने नृत्य से दिया परिचय

कार्निवाल में पहली बार पांच राज्यों के आदिवासी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को जीवंत किया। इसमें मिजोरम के कलाकारों ने ड्रम की धुन पर बैंबू नृत्य से झुमाया। वहीं, गोवा की धाली जनजाति के कलाकारों ने अपने पारंपरिक कली पुगड़ी व कुम्बी नृत्य से अपनी परंपरा से परिचय कराया। इसके अलावे तमिलनाडु के कारागट्टम जनजाति द्वारा भरतनाट्यम, झारखंड के सरायकेला के संथाल जनजाति द्वारा संथाली व नागपुरी व असम के बिहू और चाय बगान में किए जाने वाले झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी।

परेड में दिखी जमशेदपुर की संस्कृति

 जमशेदपुर की पहचान मिनी मुंबई के रूप में हैं। यहां हर वर्ग और समुदाय के लोग रहते हैं। परेड में यहीं संस्कृति दिखी। परेड में कंपनी के अधिकारी व विभिन्न समाज के लोग रंग-बिरंगे परिधान व कैप से गोवा में होने वाले कार्निवाल की झलक प्रस्तुत की। इससे पहले जुबिली पार्क, संस्थापक की प्रतिमा के सामने उपायुक्त अमित कुमार ने झंडा दिखाकर परेड को गोपाल मैदान से रवाना किया। परेड में सबसे आगे बड़े ट्रेलर पर ओरिएंड एक्सप्रेस बैंड के कलाकारों द्वारा गोवानीज धुन पर लोगों को झूमने पर मजबूर किया। वहीं, लोयोला स्कूल के बच्चों द्वारा किए गए फेस पेंटिंग और भालूबासा के सिंगबाजा टीम में शामिल नन्हें शेर बने सावन और सित्तू ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। परेड में उरांव समाज द्वारा कर्मा नृत्य, आदिवासी हो समाज सीतारामडेरा द्वारा हो नृत्य, जमशेदपुर नेपाली समाज द्वारा नेपाली नृत्य के अलावे टुइलाडुंगरी प्रकाश दीप भांगड़ा ग्रुप ने गिद्दा ने लोगों को खूब झूमाया। इसके अलावे परेड में जेआरडी टाटा की कराटे, बॉक्सिंग, बॉलीबॉल, रोलिंग कोस्टर के बच्चों ने भी लाइव परफार्मेस दिया।

छत्तीसगढ़ी समाज ने भी झुमाया

 परेड में छत्तीसगढ़ी जनकल्याण समिति के सदस्य भी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। सरस्वती कला मंच के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी नृत्य से अपनी माटी से शहरवासियों का परिचय कराया। इस मौके पर परमानंद, हेमंत कुमार, राजकुमार, त्रिवेंद्र, राम वचन, अशोक देवांगन, भुवनेश्वर साहू, कन्हैया साहू, अम्बे देवी, किरण देवी, सीमा देवी, हेमलता देवी, चित्रा देवी व देवयानी साहू सहित बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे। कंपनी के अधिकारी भी झूमे

 परेड जब टीएमएच गोलचक्कर के समीप पहुंचा तो कंपनी के वरीय अधिकारी और उनकी पत्‍‌नी, बच्चे भी थिरके। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी हुई, जिसे मोबाइल पर कैद करने के लिए लोग उत्सुक दिखे।

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