सरकारी गवाह बना ऑटो रिक्शा चालक

त्रिवेणी सैनिक कंपनी के एजीएम एचआर गोपाल सिंह को जुलू पार्क लेकर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 08:28 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 08:28 PM (IST)
सरकारी गवाह बना ऑटो रिक्शा चालक
सरकारी गवाह बना ऑटो रिक्शा चालक

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : त्रिवेणी सैनिक कंपनी के एजीएम एचआर गोपाल सिंह को जुलू पार्क लेकर जाने वाला ऑटो रिक्शा चालक सीताराम साव सरकारी गवाह बन गया है। मूल रूप से कटकमसांडी के रेवार निवासी सीताराम साव हजारीबाग के दीपूगढ़ा में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते हैं। सीजेएम कोर्ट में सीताराम सिंह ने बयान दर्ज कराते हुए पूरा घटना का वृतांत कलमबद्ध कराया है। सीताराम ने मटवारी से जिला परिषद चौक आने, जुलू पार्क जाने के बाद गोली चालन की पूरी घटना बताई। पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी के रूप में सीताराम साव का बयान दर्ज कराया। उनके बताए मार्ग पर पुलिस ने सीसीटीवी भी खंगाला है। पुलिस मटवारी चौक से लेकर जिला परिषद चौक, मारुति शोरुम से लेकर जुलू पार्क के अंतिम घर में लगे सीसीटीवी कैमरा को भी खंगाल रही है। जुलू पार्क आया था हत्यारा या पहले से कर रहा था रेकी पुलिस की जांच एक साथ कई दिशा में चल रही है। पुलिस अवैध संबंध से लेकर सुपारी और लेवी से लेकर उग्रवादी घटना के दौरान बरती जाने वाली अपराधियों के सावधानी पर भी ध्यान दे रही है। पुलिस पूरे दिन सीसीटीवी फुटेज में यह भी जानने का प्रयास करती रही कि जिस आटो रिक्शा से गोपाल सिंह आए थे, क्या उसकी रेकी हो रही थी, या फिर उसका कोई पीछा कर रहा था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि जुलू पार्क में आने वाला व्यक्ति पूर्व से वहां मौजूद था या फिर गोपाल सिंह के आने के बाद पहुंचा। एसपी के निगरानी में पूरी जांच चल रही है। सदर एसडीपीओ कमल किशोर, सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नीरज कुमार सिंह, मुफस्सिल मनोज कुमार सिंह, कोर्रा के अरविद कुमार सिंह पूरे दिन वरीय पदाधिकारियों के निदेश पर अलग अलग ग्रुप में कार्य करती रही। पुलिस आटो रिक्शा चालक के बयान से भी सीसीटीवी को मेल करा रही है। पुलिस इस संभावना पर भी काम कर रही है कि क्या अपराधी अकेला आया या फिर उसके साथ अन्य साथी भी थे जो उसे घटना के बाद अपने साथ मोटरसाइकिल या कार पर ले गए।

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घटना के बाद भी पूर्णिमा सिंह ने पति को नहीं दी सूचना गोपाल सिंह हत्याकांड प्रकरण में सवालों के घेरे में आयी फार्मासिस्ट रमेश सिंह की पत्नी के क्रिया कलाप से कई और सवाल खड़े होते जा रहे है। बार-बार बयान बदलने के साथ साथ घटना के बाद से अपने आप को निर्दोष साबित करने का प्रयास कर रही पूर्णिमा सिंह ने घटना के बाद इसकी जानकारी अपने पति को भी देना मुनासिब नहीं समझा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रमेश सिंह और पूर्णिमा सिंह के मोबाइल पर बुधवार को किसी का फोन नहीं आया और एक दूसरे ने किसी भी विषय पर एक दूसरे को फोन कर हालचाल लेने की कोशिश नहीं की। पुलिस फोन रिकार्ड और कॉल डंप का सहारा ले रही है, फोन में कई ऐसे जानकारी और डिटेल के साथ साथ पुलिस पिछले 15 दिनों से होने वाली बातचीत का भी ब्यौरा तैयार कर रही है। वहीं दूसरी ओर यह भी अहम जानकारी मिली है कि पूर्णिमा सिंह को लेकर कोई और व्यक्ति हर दिन फोन रमेश सिंह को अपडेट दे रहा था। फोन डिटेल में यह भी सामने आ रही है। घटना के दिन भी रमेश सिंह किसी एक व्यक्ति से लगातार बात कर रहे थे। हालांकि इसकी पुष्टि किसी ने नहीं कि है लेकिन सूत्रों की माने तो घटना के बाद पति पत्नी द्वारा किसी को भी फोन कर इसकी जानकारी नहीं देना भी सवाल खड़ा कर रही है।

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