पूजा पंडालों में उड़ी शारीरिक दूरी की धज्जियां

जागरण संवाददाता दुमका सरकार ने दुर्गा पूजा में कोरोना संक्रमण की संभावना को नकारने क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:01 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 06:01 PM (IST)
पूजा पंडालों में उड़ी शारीरिक दूरी की धज्जियां
पूजा पंडालों में उड़ी शारीरिक दूरी की धज्जियां

जागरण संवाददाता, दुमका : सरकार ने दुर्गा पूजा में कोरोना संक्रमण की संभावना को नकारने के लिए हर किसी के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। खासकर पूजा समितियों को हिदायत दी गई कि वे बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं करने दें। बुधवार को महाअष्टमी पर ही लोगों ने सारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा दी। जबकि अभी नवमी व दशमी बाकी है। जब पहले दिन ही नियमों की सारी बंदिशे ही टूट गई तो अगले दिन में लोगों का भगवान ही मालिक है।

जिला प्रशासन ने नियमों का पालन करने के लिए बाकायदा दिशा निर्देश जारी किए थे। उपायुक्त और एसपी ने इसके लिए बैठक की। डीसी के निर्देश पर सिविल सर्जन बच्चा प्रसाद सिंह ने शहर के 20 पूजा समितियों को एक हजार मास्क, एक लीटर सैनिटाइजर व जागरूकता संबंधी तीन बैनर भी दिए थे। जिले के सभी 15 थाना में शांति समिति की बैठक कर लोगों को नियमों का पालन करने का फरमान जारी किया गया। यहां तक कहा गया कि जो पूजा समिति नियमों का पालन नहीं करेगी, उसके सदस्यों पर कार्रवाई की जाएगी। अष्टमी पर सारे नियमों की धज्जियां उड़ गई। पूजा समिति दिखावे के लिए मास्क आदि रखे हुए थी लेकिन किसी को दिया नहीं गया। यहां तक माइक के जरिए लोगों से मास्क पहनने की अपील तक नहीं की गई। लोगों ने भी सारे नियमों को ताक पर रखकर पूजा-अर्चना की। अभी नवमी व दशमी बाकी है। इन दो दिन में अपार भीड़ उमड़ेगी। प्रशासन जब अष्टमी पर निमयों का पालन नहीं करा सका तो बाकी दो दिन का भगवान ही मालिक है। पालन करने वाले भी बेखबर :

पूजा समितियों की ओर से लोगों को कोरोना के प्रति आगाह नहीं किया गया। किसी को बिना मास्क के प्रवेश से रोका नहीं गया। हद तो तब हो गई, जब नियमों का पालन कराने वाले पुलिस पदाधिकारी ही बिना मास्क के डयूटी करते दिखे। पुलिस पदाधिकारी को सुरक्षा के अलावा नियमों का पालन कराने का भी दायित्व दिया गया था।

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बाहरी राज्य व जिलों से पहुंचे लोग

दुर्गा पूजा में दुमका में बंगाल के अलावा दूसरे राज्य व जिले में रहने वाले आते हैं। इसमें बंगाल से आने वालों की संख्या हजारों में है। बाहरी लोगों से संक्रमण् की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद भी पूजा समिति व जिला प्रशासन भी मास्क की अनिवार्यता का पालन कराने में असफल रहा। पूजा के बाद अगर कोरोना संक्रमण फैला या फिर तीसरी लहर ने दस्तक दी तो इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा।

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