Indian Railways IRCTC: यात्रीगण कृपया ध्यान दें... सियालदह-जम्मूतवी एक्सप्रेस की तीसरी रैक एलएचबी, सफर से पहले ले लें सीट का नंबर

यात्रियों को ज्यादा असुविधा न हो इसके लिए रेलवे यात्रियों को मोबाइल पर एसएमएस भी भेज रही है। अब जिन यात्रियों ने आरक्षण फार्म में वाजिब नंबर दिया है उन्हें तो घर बैठे ही जानकारी मिल जाएगी। जिन्होंने किसी कारण सही नंबर नहीं डाला है पीएनआर स्टेटस चेक करना होगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 12:47 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 01:17 PM (IST)
Indian Railways IRCTC: यात्रीगण कृपया ध्यान दें... सियालदह-जम्मूतवी एक्सप्रेस की तीसरी रैक एलएचबी, सफर से पहले ले लें सीट का नंबर
सियालदह जम्मूतवी एक्सप्रेस में लगी एलएचबी कोच ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कोलकाता से जम्मूतवी जानेवाली ट्रेन का तीसरा रैक 11 अक्टूबर से एलएचबी हो जाएगा। यानी पुराने नीले रंग की ट्रेन लाल रंग की हो जाएगी। कोलकाता से 11 और जम्मूतवी से 13 अक्टूबर से यह बदलाव होगा। एलएचबी कोच के साथ ट्रेन चलते ही इसके स्लीपर कोच कम हो जाएंगे। पुरानी ट्रेन में 11 स्लीपर कोच जुड़ती हैं जबकि एलएचबी में 10 ही जुड़ेगे। लिहाजा, स्लीपर एस-11 के यात्रियों को दूसरे कोच में एडजस्ट कराया जाएगा। इसलिए ट्रेन पर सवार होने से पहले नई सीट की जानकारी ले लेना बेहतर होगा ताकि बीच सफर की परेशानी से बचा जा सके। एक सेकेंड सीटिंग का कोच भी हटेगा और उसके यात्रियों को भी दूसरे कोच में शिफ्ट कराया जाएगा। पुराने पारंपरिक कोच की तुलना में एलएचबी कोच की हर श्रेणी में सीटें ज्यादा रहती है। इस वजह से यात्रियों को दूसरी सीट में एडजस्ट कराने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। हालांकि स्लीपर में लोअर और साइड लोअर पसंद करने वाले यात्रियों की सीटें बदल सकती हैं।

रेलवे भेज रही एसएमएस

यात्रियों को ज्यादा असुविधा न हो इसके लिए रेलवे यात्रियों को मोबाइल पर एसएमएस भी भेज रही है। अब जिन यात्रियों ने आरक्षण फार्म में वाजिब नंबर दिया है, उन्हें तो घर बैठे ही जानकारी मिल जाएगी। जिन्होंने किसी कारण सही नंबर नहीं डाला है, उन्हें मोबाइल पर पीएनआर स्टेटस चेक करना होगा।

पहले से ज्यादा आरामदेह सीटें और सुरक्षित सफर

कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस आम यात्रियों के साथ-साथ वैष्णोदेवी जानेवाले तीर्थ यात्रियों के लिए इस रूट की एकलौती सीधी ट्रेन है। इस ट्रेन में एलएचबी कोच जुड़ जाने से यात्रियों का सफर पहले से ज्यादा आरामदेह हो गया है। रेलवे का मानना है कि इससे यात्रियों को पहले से ज्यादा सुरक्षित सफर भी मिल सकेगा क्योंकि पुरानी नीले रंग की ट्रेनों की तुलना में एलएचबी कोच ज्यादा सुरक्षित होते हैं। हर कोच में ज्यादा यात्रियों की संख्या के साथ ही ट्रेन की अधिकतम गति भी बढ़ायी जा सकेगी।

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