अब धनबाद पुलिस से खौफ नहीं खा रहे अपराधी, बिन नकाब बैंक में डाल रहे डाका

सरायढेला में बैंक ऑफ इंडिया की कोलाकुसमा शाखा में डकैती के दाैरान अपराधियों के चेहरे पर किसी तरह का नकाब नहीं था। उन्होंने हाथ में पिस्टल रहराते हुए बैंक में ताड़व मचाया।

By mritunjayEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 02:54 PM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 02:54 PM (IST)
अब धनबाद पुलिस से खौफ नहीं खा रहे अपराधी, बिन नकाब बैंक में डाल रहे डाका
अब धनबाद पुलिस से खौफ नहीं खा रहे अपराधी, बिन नकाब बैंक में डाल रहे डाका

धनबाद, जेएनएन। अपराधी धनबाद पुलिस से खौफ नहीं खा रहे हैं। वे आते हैं और अपराध को अंजाम देकर आराम से चले जाते हैं। उनके चले जाने के बाद पुलिस की चुस्ती जरूर दिखती है जैसी बुधवार को सरायढेला थाना क्षेत्र में बिग बाजार के पास के बैंक ऑफ इंडिया की कोलाकुसमा शाखा से दस लाख की डकैती के बाद दिख रही है। धनबाद जैसे छोटे शहर में तीन-तीन पुलिस अधीक्षक-वरीय, शहर और ग्रामीण तैनात हैं। इसके बावजूद आपराधिक घटनाओं में कमी होने के बजाय बढ़ती जा रही है। 

डकैतों ने दी खुलेआम चुनाैतीः आम ताैर पर बैंक डकैती के दाैरान अपराधी काफी सचेत और सतर्क रहते हैं। वे अपनी पहचान को छिपाने के लिए नकाब का सहारा लेते हैं। मुंह पर कपड़े आदि डाल रखे होते हैं ताकि उन्हें कोई पहचान न सके। धनबाद में बैंक डकैती के दाैरान नकाबपोश अपराधी ही सामने आते रहे हैं। करीब पांच माह पूर्व 25 अक्टूबर 2018 को धनबाद के टुंडी थाना क्षेत्र के लोधरिया मोड़ के पास अपराधियों ने बैंक ऑफ इंडिया की संग्रामडीह शाखा में डकैती की असफल कोशिश की थी। उस घटना में भी शामिल अपराधी नकाबपोश थे। लेकिन, बुधवार को धनबाद शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके सरायढेला में बैंक ऑफ इंडिया की कोलाकुसमा शाखा में डकैती के दाैरान अपराधियों के चेहरे पर किसी तरह का नकाब नहीं था। उन्होंने हाथ में पिस्टल रहराते हुए बैंक में ताड़व मचाया। जाहिर है अपराधियों में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं था। 

डकैतों और अपराधियों का सुरक्षित ठिकानाः पुलिस की निष्क्रियता के कारण धनबाद अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना बन रहा है। पांच माह पूर्व एक अक्टूबर 2018 को बिहार एसटीएफ ने धनबाद के सहजानंद नगर में छामामार अंतरराज्यीय बैंक लुटेरा माधव दास को पकड़ा था। उसपर 40 वारदातों में 70 करोड़ से ज्यादा की डकैती करने का आरोप था। उसकी गिरफ्तारी बिहार, प. बंगाल, ओडिसा और झारखंड पुलिस के लिए चुनाैती बनी थी और वह पहचान छुपाकर झारखंड के धनबाद में रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी से धनबाद पुलिस की खूब किरकिरी हुई। 

धनबाद में बैंक डकैती की प्रमुख घटनाएं

-वर्ष 2002- सुदामडीह यूको बैंक से 5.36 लाख की लूट।

-वर्ष 2002- कतरास बीओआई से 5.87 लाख की लूट।

- वर्ष 2004-बैंक मोड़ विजया बैंक से 18 लाख की लूट।

-वर्ष 2004-झरिया सहारा इंडिया ऑफिस से 11.75  लाख की लूट।

-वर्ष 2006- बलियापुर बीओआई में 2.61 लाख का डाका।

-02 सितंबर 2008-बेसिल इंटरनेशनल, बैंक मोड़ में 28 लाख का डाका।

-अगस्त 2008-टुंडी में यूको बैंक के कैश वैन से 23 लाख की लूट।

- एक दिसंबर 2009-यूको बैंक प्रधानखंता शाखा से 15 लाख की लूट।

- 16 मार्च 2010- डिगवाडीह सहारा इंडिया ऑफिस में 3.72 लाख की लूट।

-23 मार्च 2010-इलाहाबाद बैंक रोआम शाखा तोपचांची से 4.5 लाख का डाका।

- 11 अक्तूबर 2010-टुंडी पोखरिया एसबीआई से 2 लाख की डकैती।

-24 अगस्त 2013-एसबीआई की अलकुशा शाखा से बगल की एटीएम में डालने ले जा रहे साढ़े आठ लाख रुपए अपराधियों ने लूट लिए।

-28 अप्रैल 2015-बैंक ऑफ इंडिया की मुगमा शाखा में रात में चोरों ने गैस कटर से 10 लॉकरों को काट कर एक करोड़ रुपए से अधिक का जेवरात व अन्य कीमती सामान की चोरी। 

- 30 जुलाई 2015-गोविंदपुर इलाके में चोरों ने बैंक ऑफ इंडिया की एटीएम तोड़कर 37 लाख रुपए उड़ा लिए थे।

-04 अक्तूबर 2016-धनबाद थानाक्षेत्र के बाबूडीह स्थित बैंक आफ इंडिया की शाखा में लगी एटीएम चोर उखाड़ ले गए थे। इसमें 20.68 लाख रुपए थे।

chat bot
आपका साथी