वारंटी को कस्टडी से छुड़ाने में Dhulu Mahto को मिली थी सशर्त जमानत, जल्द फैसले की संभावना Dhanbad News

पुलिस हिरासत से वारंटी राजेश गुप्ता को छुड़ाने के मामले मे अदालत जल्द अपना फैसला सुना सकती है। विधायक के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने बताया कि मामले की सुनवाई अंतिम दौर में है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 02:37 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 02:37 PM (IST)
वारंटी को कस्टडी से छुड़ाने में Dhulu Mahto को मिली थी सशर्त जमानत, जल्द फैसले की संभावना Dhanbad News
वारंटी को कस्टडी से छुड़ाने में Dhulu Mahto को मिली थी सशर्त जमानत, जल्द फैसले की संभावना Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरसात से छुड़ाने और पुलिस पदाधिकारी पर हमला करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने बाघमारा के विधायक ढुलू महतो को शर्तों पर जमानत दी थी। शर्त यह था कि निचली अदालत में छह महीने के अंदर मामला का निष्पादन होगा। यह आदेश रांची हाई कोर्ट ने 23 जून 2014 को पारित किया था। हालांकि पांच साल से मामले की सुनवाई ही चल रही थी। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही धनबाद की अदालत फैसला सुनाएगी। फैसला अगर विधायक के पक्ष में आता है तो ठीक और नहीं तो उनकी राजनीतिक परेशानी बढ़ सकती है।

क्या है मामलाः 12 मई 2013 को तत्कालीन बरोरा थाना प्रभारी आरएन चाैधरी ने कतसारा थाना प्रभारी को सूचित कर वारंटी राजेश गुप्ता को उसके निचितपुर स्थित आवास पर छापेमारी कर पकड़ लिया। इस बात की जानकारी जब विधायक ढुलू महतो को लगी तो वे अपने समर्थकों के साथ आए और गुप्ता को छुड़ा कर ले गए। इस घटना के आरएन चौधरी ने कतरास थाना कांड संख्या- 120/13 दर्ज कराया था। पुलिस के दबाव के बाद विधायक ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। वे काफी दिनों तक धनबाद जेल में रहे। बाद में हाई कोर्ट रांची ने छह महीने के अंदर मामले का निष्पादन करने के शर्त पर उन्हें जमानत दी। लेकिन, पांच साल बाद मामले में फैसला नहीं आ सका है।

सुनवाई अंतिम दाैर मेंः पुलिस हिरासत से वारंटी राजेश गुप्ता को छुड़ा लिए जाने के मामले मे अदालत जल्द अपना फैसला सुना सकती है। विधायक के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने बताया कि मामले की सुनवाई अंतिम दौर में है। विधायक की ओर से 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ललन ओझा ने बहस की है। अदालत ने बहस के लिए अगली तारीख16 सितंबर निर्धारित की है। यदि 16 सितंबर को बचाव पक्ष अपनी बहस पूरी कर देता है तो संभावना है कि अदालत मामले मे निर्णय की तारीख निर्धारित कर दे। हालांकि यह सब अदालत को हीं तय करना है।

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