चिंतपूर्णी में शारीरिक दूरी का नियम मां भरोसे

धार्मिक नगरी चितपूर्णी पुराने माहौल में लौटने लगी है और आम दिनों की तरह भीड़ भी बढ़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 08:12 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 08:12 PM (IST)
चिंतपूर्णी में शारीरिक दूरी का नियम मां भरोसे
चिंतपूर्णी में शारीरिक दूरी का नियम मां भरोसे

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : धार्मिक नगरी चितपूर्णी पुराने माहौल में लौटने लगी है और आम दिनों की तरह भीड़ भी बढ़ने लगी है। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच वो सभी नियम तार-तार होने लगे हैं जिनके दावे प्रशासन ने मंदिर खोलते समय किए थे। इस तरह की चूक से धार्मिक नगरी में कोरोना का प्रकोप फैल सकता है। हालांकि प्रशासन ने देर शाम को व्यवस्था में सुधार का दावा एक बार फिर किया है, लेकिन जिस तरह से नियमों को दरकिनार किया जा रहा है उससे यही लगता है कि चिंतपूर्णी में नियम सिर्फ मां भरोसे ही हैं।

शुक्रवार सुबह यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। श्री चिंतपूर्णी सदन में लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई थीं। शंभू बैरियर में भी श्रद्धालुओं द्वारा शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ाई गई। चितपूर्णी के मुख्य बाजार, मंदिर परिसर क्षेत्र और शम्भू बाईपास रोड पर श्रद्धालुओं के पहुंचने के साथ ही सैकड़ों भिखारी भी सड़कों पर उतर आए। भिखारियों और श्रद्धालुओं में भी शारीरिक दूरी का कोई पालन होता नहीं दिखा। भिखारी बच्चे श्रद्धालुओं से चिपकते नजर आए। विडंबना यह भी रही कि यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी नियमों का पालन नहीं किया। यह सिलसिला मंदिर न्यास के स्वागत कक्ष परिसर से लेकर पूरे बाजार में दिनभर चलता रहा, लेकिन मंदिर न्यास के किसी अधिकारी, पुलिस कर्मचारी या सुरक्षाकर्मी ने उक्त भिखारियों को नहीं हटाया।

भिखारियों को हटाने के लिए थाना प्रभारी को निर्देश

मंदिर अधिकारी ओपी लखन पाल ने बताया कि थाना प्रभारी चितपूर्णी को भिखारियों पर सख्त कार्रवाई कर शीघ्र हटाने के आदेश दे दिए हैं। शारीरिक दूरी के नियम को कायम रखने के लिए शंभू बैरियर और श्री चिंतपूर्णी सदन में और ज्यादा गोले लगाने के लिए मंदिर कर्मचारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। बॉक्स

1821 श्रद्धालुओं ने नवाया शीश, 1400 श्रद्धालु अन्य राज्यों के पहुंचे

मंदिर अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को श्री चिंतपूर्णी मंदिर में कुल 1821 श्रद्धालुओं ने मां की पावन पिडी के दर्शन किए, जिसमें 1400 श्रद्धालु अन्य राज्यों से पहुंचे। 16 सितंबर को 16,490 रुपये श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में चढ़ाए गए। मंदिर में चढ़ावे की गणना तीसरे दिन की जा रही है।

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