बीमार माता-पिता की हालत देख की थी युवक ने शादी

टीम ने युवक के परिजनों को बताया की उन्होंने एक नाबालिग को बहू बनाया है। यह बाल विवाह कानून के तहत गैर कानूनी है, तो परिवार के सदस्यों के होश उड़ गए।

By BabitaEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 02:47 PM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 02:47 PM (IST)
बीमार माता-पिता की हालत देख की थी युवक ने शादी
बीमार माता-पिता की हालत देख की थी युवक ने शादी

नाहन, जेएनएन। बूढ़ी दादी का सपना व बीमार  माता-पिता की हालत देखकर आरोपित युवक शादी के लिए तैयार हो गया था। उसके परिजनों को इस बात का पता नहीं था कि जिस लड़की से वह बेटे का विवाह करवा रहे हैं, वह नाबालिग है। 

मामला है सिरमौर जिला के दुर्गम शिलाई उपमंडल की मिल्ला पंचायत के मांगनल गांव का है। जहां चार दिन पहले एक गरीब परिवार ने बिना जांच पड़ताल किए नाबालिग से युवक की शादी करवा दी। शनिवार देर सायं जैसे ही चाइल्ड लाइन को बाल विवाह की भनक लगी तो रविवार को उनकी टीम युवक के घर पहुंची।

टीम ने युवक के परिजनों को बताया की उन्होंने एक नाबालिग को बहू बनाया है। यह बाल विवाह कानून के तहत गैर कानूनी है, तो परिवार के सदस्यों के होश उड़ गए। परिजनों ने बताया (युवक के माता-पिता) वह कभी समय से बीमारी से जूझ रहे हैं। बेटे की बूढ़ी दादी भी पौते की शादी का सपना पाले थी, जिसके चलते उन्होंने बिना लड़की की आयु की जांच-पड़ताल किए शादी कर दी। सवाल यह कि क्या जिला के दूरदराज क्षेत्रों के भोले-भाले ग्रामीण नहीं जानते कि बाल विवाह को लेकर क्या कानून हैं। दूसरी बात यह कि लड़के के माता-पिता लंबे अरसे से बीमारी से पीडि़त हैं। लिहाजा 21 साल के बेटे की शादी कर दी गई।

बहरहाल शिरी क्यारी गांव की रहने वाली लड़की को पंचायत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उसके परिजनों को सौंप दिया गया। चाइल्ड लाइन की टीम में काउंसलर विनिता ठाकुर व राजेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों परिवारों की काउंसलिंग की गई। साथ ही गांव के अन्य लोगों को भी बताया गया कि शादी के लिए लड़के की उम्र 21 व लड़की की 18 साल होनी चाहिए। चाइल्ड लाइन की टीम ने पंचायत प्रधान की मौजूदगी में नाबालिग नवविवाहित को बालिक होने तक उसके माता-पिता के पास रहने के लिए भेज दिया। साथ ही शिलाई पुलिस थाना में बाल विवाह का मामला भी दर्ज करवाया है।

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