एड्स पीड़ित के दर्द पर आंसुओं का सैलाब
ऊना के एड्स पीड़ित युवक ने आप बीती बताई कि नशे और चिट्टे की एक सिरिज ने चोर और एड्स रोगी बना दिया। दोस्तों की संगत में बिगड़ गया और हर दिन पांच ग्राम चिट्टा इंजेक्शन का आदि बन गया। एक ग्राम चिट़्टे के एक हजार रुपये लेते थे जबकि मेरे पास दाढ़ी बनाने के पैसे भी नहीं होते थे ऐसे
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
'नशे की लत और चिट्टे की एक सिरिंज ने चोर के साथ एड्स रोगी बना दिया। दोस्तों की संगत में हर दिन पांच ग्राम तक के चिट्टे का इंजेक्शन लेने का आदी बन गया। एक ग्राम चिट्टा एक हजार रुपये में मिलता था। मेरे पास दाढ़ी बनाने तक के पैसे नहीं होते, लेकिन नशा पूरा करने के लिए मां को बीमार बता गांववासियों सहित रिश्तेदारों से पैसे उधार लेता। खुद बीमार रहने लगा और अस्पताल में चेकअप करवाया तो एचआइवी पॉजीटिव पाया गया, लेकिन नशे की लत कहां छूटने वाली थी। कहीं से पैसे न मिले तो मां के पैसे और एटीएम कार्ड तक चोरी कर लिया। नशा पूरा करने के लिए मैंने जिंदगी जो कुछ किया उसके बारे में आप लोग सोच तक नहीं सकते।'
यह बातें ऊना जिले के एड्स पीड़ित युवक ने रविवार को शिमला में विश्व एड्स दिवस पर राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में राज्यस्तरीय समारोह में रोते हुए सुनाई। युवक ने कहा कि नशा इन्सान को कहां पहुंचा देता है। उसकी जिंदगी की कहानी सुनकर सभागार में बैठे लोगों सहित स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार की आंखें भी भर आई। समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बतौर मुख्यातिथि आना था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आ पाए। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संजौली कॉलेज, कोटेशेरा और नर्सिग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने एड्स पर जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तुत किए। आइटीआइ के छात्र-छात्राओं ने फैशन शो के माध्यम से एचआइवी एड्स के खिलाफ सचेत रहने का संदेश दिया। नशे से परिवार को बचा लो
इस युवक ने बताया कि वह ज्यादा बीमार रहने लगा तो उसका दोस्त एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर (एआरटी) ले गया, जहां से उपचार चल रहा है। अब उसका नशा छूट गया है और पहले से स्वस्थ्य महसूस कर रहा है। उसका कहना था कि उसका घर तो नशे ने बर्बाद कर दिया, पर आप अपने परिवार को इससे बचा लो। स्वजनों ने घर से निकाला, लोगों ने समाज से
इसके बाद अच्छी कद काठी का साढ़े छह फुट लंबा अन्य युवक मंच पर आया और बोला कि वह एड्स पीड़ित है। सिरिंज से चिट्टा लेते कब एचआइवी पॉजीटिव हो गया, पता ही नहीं चला। नशे की लत ने पहले चोर और फिर एड्स रोगी बना दिया। स्वजनों ने घर से निकाल दिया और लोगों ने समाज से अलग-थलग कर दिया। उपचार करवाने के बाद अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। इस बीमारी का उपचार करवा रहा है और अब घरवाले भी प्यार करते हैं।
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जन्म से मिला एचआइवी, अब स्वस्थ
ऊना की युवती ने बताया कि उसके माता-पिता एड्स रोगी थे। ऐसे में उसका जन्म भी एचआइवी के साथ हुआ। अब वह 24 साल की हो चुकी है। हालांकि बचपन से ही उपचार लेने से वह पूरी तरह से स्वस्थ है।