टूटीकंडी में हरे पेड़ों पर चला दी आरी

जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला में हरित क्षेत्र में हरे पेड़ों को काटने व उनकी कटाई-छ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 09:38 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 09:38 PM (IST)
टूटीकंडी में हरे पेड़ों पर चला दी आरी
टूटीकंडी में हरे पेड़ों पर चला दी आरी

जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला में हरित क्षेत्र में हरे पेड़ों को काटने व उनकी कटाई-छंटाई पर भी प्रतिबंध है। शिमला के हरित क्षेत्र में यह सब हो रहा है, लेकिन नगर निगम शिमला और वन विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। अगर कोई पेड़ किसी घर के लिए खतरा हो तो उसके लिए अनुमति लेनी पड़ती है। लोग रातोंरात हरे पेड़ों की कटाई-छंटाई कर रहे हैं। लेकिन किसी को इसकी फिक्र नहीं हैं।

शिमला शहर के टूटीकंडी में रात के अंधेरे में चार देवदार के पेड़ों की रातोंरात कटाई-छंटाई कर दी गई। पहले तो पेड़ के साथ भवन बना दिया और अब पेड़ की कटाई-छंटाई कर अपनी जमीन को साफ कर भवन मालिक ने रास्ता साफ कर दिया है। न तो भवन मालिक को नगर निगम ने भवन बनाते समय पेड़ से ढाई मीटर का दायरा न छोड़ने के लिए कोई कार्रवाई अमल में लाई और अब पेड़ की कटाई-छंटाई करने पर भी कोई नहीं पूछ रहा। हालांकि भवन मालिक ने विभाग को इस बाबत शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

पेड़ कटान के मामले सामने आने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी आखें मूंदकर बैठे हुए हैं। नियमों के अनुसार हरित क्षेत्र में किसी भी तरह से पेड़ की कटाई-छंटाई नहीं की जा सकती। बावजूद इसके प्रशासन की नाक तले पेड़ कटान का सिलसिला जारी है। विभाग की लापरवाही के कारण ही पेड़ों को काटा जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

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पहले भी काटी थी पेड़ की टहनियां

टूटीकंडी में उक्त भवन मालिक द्वारा भवन निर्माण के समय पेड़ों की टहनियां काटी गई थी। उस समय भी लोगों ने वन विभाग व नगर निगम को इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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क्या कहती है नीति

वन नीति के अनुसार हरित क्षेत्र में किसी भी तरह के पेड़ नहीं काटे जा सकते हैं और न ही बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई-छंटाई की जा सकती है। नगर निगम का टूटीकंडी हरित क्षेत्र में आता है और यहां पर सालों पुराने पेड़ हैं, जिन्हें काटने की अनुमति वन विभाग को भी नहीं है। नगर निगम और वन विभाग के अधिकारियों की ट्री कमेटी इस तरह के मामले की स्वीकृति प्रदान करती है। उसके बाद ही पेड़ काटने और लोपिंग करने की अनुमति प्रदान की जाती है।

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ऐसा मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। अगर सच में ऐसा हुआ तो कर्मचारियों को मौके पर भेजा जाएगा और पेड़ों की कटाई-छंटाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-कुसुम सदरेट, महापौर नगर निगम शिमला।

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