बागवानी प्रोजेक्ट की सेहत सुधरे, समय पर हों कार्य

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोमवार को मुख्य सचिव व प्रधान सचिव के साथ बागवनी प्रोजेक्ट पर बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Oct 2018 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 15 Oct 2018 09:57 PM (IST)
बागवानी प्रोजेक्ट की सेहत
सुधरे, समय पर हों कार्य
बागवानी प्रोजेक्ट की सेहत सुधरे, समय पर हों कार्य

राज्य ब्यूरो, शिमला : बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोमवार को मुख्य सचिव एवं बागवानी मिशन गवर्निग बॉडी के अध्यक्ष बीके अग्रवाल व प्रधान सचिव (बागवानी) आरडी धीमान के साथ बंद कमरे में बैठक की। इसमें विश्व बैंक के 1134 करोड़ रुपये के बागवानी प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई। बागवानी प्रोजक्ट को लेकर जरूरत हुई तो हिमाचल सरकार विश्व बैंक के समक्ष अपना पक्ष रखेगी।

करीब पौने घंटे तक चली बैठक में बागवानी प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से चलाने और समयबद्ध कार्य करने के निर्देश दिए गए। मंत्री और दो अधिकारियों में हुई बैठक में बागवानी प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली में हुई बैठक और अभी तक खर्च की गई राशि सहित भावी योजना पर मंथन हुआ। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि प्रोजेक्ट को लेकर कोताही बर्दाशत नहीं होगी। बागवानी मंत्री, मुख्य सचिव व प्रधान सचिव में हुई बैठक के बाद आरडी धीमान ने बागवानी मिशन के परियोजना निदेशक दिनेश मल्होत्रा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश जारी किए। दिल्ली में विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट में राशि न खर्चे जाने और कोताही बरते जाने को लेकर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद अब बागवानी मंत्री ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इटली से आए पौधों में था वायरस

बागवानी प्रोजेक्ट पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015 में शुरू हुआ था। इसके तहत इटली की वीटाफ्रूट नर्सरी से पौधे मंगवाए गए जिनमें खतरनाक वायरस पाया गया। इटली से पहुंचे 7.55 लाख पौधे सूख गए थे। एक पौधे की कीमत 400 रुपये थी। वीटाफ्रूट नर्सरी संचालकों ने हिमाचल के बागवानी विभाग को 12 जनवरी 2018 को लिखे पत्र में कहा कि तीन साल में हिमाचल सरकार की तरफ से प्लाट मैटेरियल का ऑर्डर कभी समय पर नहीं आया है। प्रोजेक्ट या राशि रोकने का नहीं आया पत्र

बागवानी प्रोजेक्ट को लेकर हुई बैठक में समयबद्ध बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक प्रोजेक्ट या राशि रोकने के संबंध में विश्व बैंक से पत्र नहीं आया है। यदि ऐसा कुछ होता है तो विश्व बैंक के समक्ष पक्ष रखा जाएगा।

-बीके अग्रवाल, मुख्य सचिव

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