हर माह भेजनी होगी यौन शोषण मामलों की रिपोर्ट

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर है। चाहे बच्चों की सड़क सुरक्षा की बात हो या स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा दोनों को लेकर शिक्षा विभाग पूरी तरह से सजग है। स्कूलों को भी हर महीने यौन शोषण के मामलों की रिपोर्ट भेजने को कहा गय। स्कूलों में छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषन की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विद्यार्थियों की काउंसलिग के साथ साथ अब शिक्षकों की भी समय समय पर काउंसलिग होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Jul 2019 04:24 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jul 2019 06:41 AM (IST)
हर माह भेजनी होगी यौन शोषण मामलों की रिपोर्ट
हर माह भेजनी होगी यौन शोषण मामलों की रिपोर्ट

रविंद्र शर्मा, शिमला

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग गंभीर है। चाहे बच्चों की सड़क सुरक्षा की बात हो या स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा दोनों को लेकर शिक्षा विभाग पूरी तरह से सजग है। स्कूलों को भी हर माह यौन शोषण के मामलों की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। स्कूलों में छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषन की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विद्यार्थियों की काउंसिलिंग के साथ-साथ अब शिक्षकों की भी समय-समय पर काउंसिलिग होगी। इसके अलावा आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। यौन शोषण के मामलों को स्कूलों में रफा-दफा करने का ट्रेंड खत्म होगा। उच्चतर शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने 'दैनिक जागरण' से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :

छात्राओं से यौन शोषण की घटना की सूचना निदेशालय तक बहुत बाद में पहुंती है या पहुंचने से पहले रफा-दफा कर दी जाती है। ऐसा न हो इसके लिए विभाग ने क्या किया है?

देखिए, कई मामलों में ऐसा हुआ था, लेकिन अब इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में यौन उत्पीड़न रोकथाम कमेटी गठित की गई है। इसको सख्त निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में यौन शोषण के मामलों की सूचना तुंरत निदेशालय को दें। ऐसे मामलों की थाना में भी एफआइआर दर्ज करवाएं। यदि कोई छात्रा यौन शोषण की शिकायत करती है तो उस पर किसी प्रकार का दबाव न बनाया जाए।

-अधिकतर स्कूल आपके निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। आपने सभी स्कूलों को हर माह यौन शोषण के मामलों की रिपोर्ट देने को कहा था, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी?

ये बात सही है कि कई स्कूलों से यौन शोषण की रिपोर्ट हर माह नहीं आ रही है। इसे लेकर उन्हें कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया है। स्कूलों में यौन शोषण का मामला हो या न हो फिर भी स्कूलों को इसकी रिपोर्ट अवश्य भेजनी होगी। अब इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। यदि अब किसी स्कूल ने रिपोर्ट नहीं भेजी तो प्रिसिपल, मुख्य अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विद्यार्थियों खासकर छात्राओं की सुरक्षा और स्कूल में उनकी निगरानी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

इसके लिए हम आधुनिक तकनीक का सहारा ले रहे हैं। करीब 500 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरी लगाए जा चुके हैं। अन्य स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना हे। इसके अलावा ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है। सभी सीसीटीवी कैमरो को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा मंत्री के कार्यालय से लेकर जिला उपनिदेशक कार्यालय में बैठे अधिकारी देख सकेंगे।

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