अब गिरी की मुख्य पाइपलाइन टूटी
बरसात के पहले सप्ताह में पानी की सप्लाई गिरी में गाद आने के कारण प्रभावित रही।
जागरण संवाददाता, शिमला : बरसात के पहले सप्ताह में पानी की सप्लाई गिरी में गाद आने के कारण प्रभावित रही। अब गिरी नदी से आने वाली पाइप के टूटने के कारण शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है। शहर को रोजाना पहले 45 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी मिलता था, लेकिन शनिवार को पानी की सप्लाई महज 35 एमएलडी ही मिला। गिरी से 13 के बजाय पांच एमएलडी पानी मिला है।
पानी की सप्लाई कम होने से शहर में लोगों को पानी की राशनिग से लेकर कमी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में पानी की सप्लाई कुछ कम हुई है, लेकिन दिन में दो बार पाइप में आई खराबी के चलते काफी परेशानी आ रही है। निगम के कर्मचारी लगातार पानी की पाइप को ठीक करने में जुटे हैं। उम्मीद है कि शनिवार शाम तक इसे ठीक करने के बाद रविवार को पानी की सप्लाई सामान्य हो सकती है। कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक के समक्ष रखी मांगें
शिमला जल प्रबंधन निगम की कर्मचारी यूनियन ने यूनियन को भारतीय मजदूर संघ के साथ पंजीकृत करवाने के बाद निगम के प्रबंध निदेशक धर्मेद्र गिल को मांगपत्र सौंपा। इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम ऐसे कंपनी को दिए जाने की मांग की गई जोकि कर्मचारियों का पीएफ काटे। प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी सेंसटिव जोन में आते हैं। इन्हें फैक्टरी एक्ट में लाना चाहिए। इसके अलावा कर्मचारियों को मेडिकल किट मुहैया करवाने, कर्मचारियों के लिए नीति बनाने, प्लांट में फर्नीचर और साफ पानी के लिए एक्वागार्ड लगाने की मांग भी उठाई गई। नई कार्यकारिणी में राजेंद्र शर्मा को अध्यक्ष, पुष्पेंद्र को वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चेतन वर्मा को सचिव बनाया गया है।