108 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़ी कंपनी पर तिहरी जांच

हिमाचल में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़ी कंपनी तिहरी जांच से घिर गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:55 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 07:55 PM (IST)
108 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़ी कंपनी पर तिहरी जांच
108 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़ी कंपनी पर तिहरी जांच

रमेश सिंगटा, शिमला

हिमाचल में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़ी कंपनी तिहरी जांच से घिर गई है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर डाले गए कथित डाके पर सीबीआइ, महालेखाकार कार्यालय और श्रम विभाग एक साथ जांच कर रहे हैं। अब देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी का कड़ा शिकंजा कसने वाला है। कंपनी का बड़ा अधिकारी सीबीआइ की रडार पर है, जो यह कभी भी गिरफ्तार हो सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का अधिकारी दुर्गा सिंह संघैक और जीवीके कंपनी का कर्मी रवि कुमार गिरफ्तार हो चुके हैं। दुर्गा सिंह ईपीएफओ का प्रवर्तन अधिकारी रहा है। उसे एक लाख से अधिक की रिश्वत लेने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इसके आधार पर जांच आगे बढ़ी। सूत्रों के अनुसार जांच में सीबीआइ को कई नए तथ्यों का पता चला है। इसमें कुछ और कर्मी गिरफ्तार हो सकते हैं। घूसखोरी के केस में जो सूचनाएं सामने आई हैं, उनकी पुष्टि की जा रही है। 21 जून को पकड़ा प्रवर्तन अधिकारी

ईपीएफओ के बद्दी स्थित कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी और जीवीके कंपनी के धर्मपुर कार्यालय में कार्यरत रवि को 21 जून को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि केंद्र सरकार का यह अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त रहा है। पीएफ की देनदारियां को कम करने की एवज में वह घूस की मांग कर रहा था। घूस देने पर निरीक्षण रिपोर्ट कंपनी के पक्ष में दी जानी थी। गोपनीय सूचना के आधार पर सीबीआइ ने जाल बिछाया और रिश्वतखोरी के आरोप में दो आरोपितों को पकड़ा। कितने हैं कर्मचारी

जीवीके कंपनी में 25 दिसंबर 2010 से आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी 108 एंबुलेंस के जरिये सेवाएं दे रही है। इसके 1108 कर्मी तैनात हैं। 108 के 200 वाहन और 102 की सेवाओं से संबंधित 125 वाहन हैं। लेकिन इसमें कार्यरत कर्मचारी कई बार हड़ताल कर चुके हैं। करोड़ों का गड़बड़झाला

108 एंबुलेंस से जुड़े कर्मचारियों की यूनियन के अध्यक्ष पूर्णचंद का आरोप है कि पीएफ के नाम पर करोड़ों रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। 2016 से पीएफ जमा नहीं किया। वहीं जिन कर्मियों का काटा भी वह भी नियमों से काफी कम रहा। इसकी श्रम विभाग से शिकायत की गई। एजी कार्यालय भी जांच कर रहा है।

कंपनी नियमों के मुताबिक सभी कर्मियों का पीएफ काट रही है। जांच चल रही है। जल्द ही पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। कर्मचारियों के हितों पर डाका डालने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सीबीआइ ने क्यों कार्रवाई की, यह वह जाने, पर कंपनी पर लगे तमाम आरोप निराधार हैं।

अभिषेक, मार्केटिंग हेड, हिमाचल, जीवीके कंपनी

chat bot
आपका साथी