बरसात के कारण सड़कों की टारिग पर रोक

ड़ेगी। प्रदेश के किन स्थानों पर सड़कें बाधित है ये बताना पड़ेगा। ऐसे में लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों की फील्ड में जाकर काम करना पडे़गा। सड़कों की गुणवत्ता के साथ-साथ हर प्रकार की सड़कों को वाहनों के चलने योग्य बनाए रखने का दायित्व उप-मंडल व मंडल स्तर के अधिकारियों के कंधों पर होगा। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फील्ड में जाकर सड़क की गुणवत्ता की जांच करनी होगी। सड़कों में लगाए जा रहे डंगे पैरापिट बरसात के पानी के लिए बनाई गई निकास नालियां और कलवट लगाए जाने की मॉनीटरिग भी अधिकारियों के उपर रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Jul 2019 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 09:13 PM (IST)
बरसात के कारण सड़कों की टारिग पर रोक
बरसात के कारण सड़कों की टारिग पर रोक

राज्य ब्यूरो, शिमला : बरसात के कारण हिमाचल में सड़कों की टारिग पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश में सड़कों की स्थिति की जानकारी उपमंडल व मंडल स्तर पर अधिकारियों को रोजाना कंट्रोल रूम को देनी पड़ेगी। प्रदेश के किन स्थानों पर सड़कें बाधित हैं, यह बताना पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों की फील्ड में जाकर काम करना पडे़गा।

सड़कों की गुणवत्ता के साथ-साथ हर प्रकार की सड़कों को वाहनों के चलने योग्य बनाए रखने का दायित्व उपमंडल व मंडल स्तर के अधिकारियों के कंधों पर होगा। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फील्ड में जाकर सड़क की गुणवत्ता की जांच करनी होगी। सड़कों किनारे लगाए जा रहे डंगे, पैरापिट, बरसात के पानी के लिए बनाई गई निकास नालियां और कलवट लगाए जाने की मॉनीटरिग भी अधिकारियों को करनी होगी। जूनियर इंजीनियरों के अलावा सहायक अभियंता और अधिशाषी अभियंता समय-समय पर मौके का निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार सड़कों के रखरखाव पर ही फोकस कर रही है। सरकार ने सड़क पर डंगे गिरने व यातायात बाधित रहने की सूचना देने के लिए लोक निर्माण विभाग कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया है। सब डिविजन और डिविजन स्तर के अधिकारियों को प्रतिदिन सड़कें खराब होने की सूचना कंट्रोल रूम में देने को कहा गया है। लोक निर्माण विभाग का मानना है कि बर्फबारी की अपेक्षा हिमाचल में अकसर बरसात में ज्यादा सड़कें खराब होती हैं। नालियां और कलवट बंद होने से पानी सड़कों के ऊपर से बहता है। इससे सड़कों की टारिग के साथ किनारों पर लगाए गए डंगों के गिरने की संभावना रहती है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस वर्ष 2520 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण में 1250 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। राज्य की कुल 3226 पंचायतों में से 3131 पंचायतों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है। वहीं, प्रदेश की 18711 बस्तियों में से 13782 बस्तियों को सड़क सुविधा मुहैया करवाई गई है।

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