जूनियर मुख्य सचिव बना तो हाईकोर्ट जाएंगे एसीएस

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव पी मित्रा हैं और इस साल मई में सेवानिवृत्त होंगे। इ

By Edited By: Publish:Wed, 10 Feb 2016 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2016 01:00 AM (IST)
जूनियर मुख्य सचिव बना
तो हाईकोर्ट जाएंगे एसीएस

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव पी मित्रा हैं और इस साल मई में सेवानिवृत्त होंगे। इससे पहले नए मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को लेकर अधिकारियों के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। नई नियुक्ति के लिए अभी चार महीने हैं। माना जा रहा है कि सरकार के करीबी एक आइएएस अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने की तैयारी है। यदि ऐसा होता है तो सरकार के चार अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) प्रदेश उच्च न्यायालय में नियुक्ति को चुनौती देंगे।

आइएएस अधिकारी चाहते हैं कि मुख्य सचिव पद की नियुक्ति सरकार वरिष्ठता के आधार पर सुनिश्चित करे। मुख्य सचिव पद को लेकर इससे पहले भी अधिकारियों में रोष पनपता रहा है लेकिन इससे पहले भी कई बार सरकार अपनी पसंद का मुख्य सचिव लगाती रही है। पिछले दस वर्षो के दौरान दो अधिकारियों को मुख्य सचिव पद के लिए नजरअंदाज किया गया था। वरिष्ठता को अधिमान दिए जाने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच चुका है। इस मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से सरकार के आला अधिकारी मिल भी चुके हैं। अधिकारियों को भरोसा दिलाया गया है कि सरकार वरिष्ठता सूची को मददेनजर रखेगी। यह पहला मौका नहीं है कि सरकार अपनी पसंद का मुख्य सचिव नियुक्त करेगी। इससे पहले भी तत्कालीन सरकारें मुख्य सचिव नियुक्त करती रही हैं। इसलिए उपेक्षित रहने वाले सरकार के आला अधिकारियों को मलाल नहीं करना चाहिए।

मित्रा के बाद शानन सबसे वरिष्ठ

पी मित्रा के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक शानन सबसे वरिष्ठ हैं। उसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अजय मित्तल, अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत चौधरी व अतिरिक्त मुख्य सचिव उपमा चौधरी के नाम शामिल हैं। इसके बाद वरिष्ठता में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीसी फारका का नाम आता है।

अशोक ठाकुर को पूछा तक नहीं

केंद्र सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय में सचिव रहे सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अशोक ठाकुर को पूर्व धूमल सरकार ने पूछा तक नहीं था। वर्ष 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे आइएएस अधिकारी अशोक ठाकुर की जगह उनसे जूनियर सुदृप्त राय को मुख्य सचिव नियुक्त किया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि अशोक ठाकुर प्रदेश में नहीं हैं।

रेणु साहनी धर देखती रहीं

वर्ष 2005 के दौरान प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी। उस समय रेणु साहनी धर आला अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ थीं। सरकार ने उनके सामने एसएस परमार को मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। इसके साथ रेणु साहनी धर को दिल्ली में हिमाचल सरकार की ओर से पर्यटन एवं औद्योगिक सलाहकार नियुक्त कर दिया था। ऐसे में रेणु साहनी धर देखती रह गई थीं।

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