कुल्लू में 24 बच्चे कुपोषण के शिकार

कमलेश वर्मा, कुल्लू कुपोषण को भले ही खत्म करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयास कर रह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 04:51 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 04:51 PM (IST)
कुल्लू में 24 बच्चे कुपोषण के शिकार
कुल्लू में 24 बच्चे कुपोषण के शिकार

कमलेश वर्मा, कुल्लू

कुपोषण को भले ही खत्म करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयास कर रही हैं तथा विभिन्न योजनाओं के साथ प्रशासनिक स्तर पर कोशिशें की जा रही हों। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है। कुपोषण को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे कई अभियानों के बाद भी उतना सुधार नहीं हो रहा है, जितना बखान किया जा रहा है। ऐसे ही कुछ हालात कुल्लू जिला के हैं। जिले में 24 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार हैं जोकि कुल्लू अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इसके अलावा 347 बच्चे ऐसे हैं जिनका वजन सामान्य से कम है और वह आंशिक रूप से कुपोषित हैं, जबकि 28570 बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी कुल्लू वीरेंद्र आर्य ने बताया कि जीरो से छह साल तक के बच्चे अधिक प्रभावित हैं। अगर अस्पताल में उपचाराधीन बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होगा तो उन्हें मंडी अस्पताल स्थित पोषण इकाई में रेफर किया जाएगा। सभी बच्चों के रहने, खाने-पीने और आने-जाने का खर्च सरकार वहन कर रही है। जब तक बच्चा उपचाराधीन होता है तब तक बच्चे की मां को 100 रुपये दिहाड़ी सरकार देती है। बच्चे को डबल डाईट दी जाएगी और इसके अलावा खाने पीने संबंधी अन्य चीजों का भी ध्यान दिया जाएगा।

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कुपोषण के कारण

-पोषणयुक्त आहार न मिलना।

-मां का बच्चे को दूध न पिलाना।

-बच्चों के वजन न बढ़ना, कमजोरी व लंबाई न बढ़ना।

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-लक्षण

कुपोषण छह माह से तीन साल के बीच के बच्चों में सर्वाधिक होता है। थकावट, कमजोरी, कब्ज, लंबाई नहीं बढ़ना, पेट व पैरों में सूजन, चमक रहित बाल, चमकहीन चेहना, शरीर की ग्रोथ नहीं होना, पेट पड़ना, हाथ-पैर सामान्य से पतले होने और मांसपेसियां सिकुड़ जाना कुपोषण के लक्षण हैं।

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कुपोषण से बचाव

-बच्चों को जंक फूड व कोल्ड ¨ड्रक न दें।

-खाने-पीने पर हमेशा ध्यान दें।

-मोटे छिलके का अनाज, हरी सब्जियां व पौष्टिक आहार दें।

-दूध, अनाज से बना खाना दें।

-पनीर, अंडा, मांस, मछली खिलाएं।

-खाने में विटामिन व कैल्शियम भी शामिल करें।

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कुल्लू अस्पताल में प्रदेश सरकार की और पोषण सलाहकार तैनात की गई है। कुपोषण के शिकार बच्चों को पोषण सलाहकार आहार संबंधी जानकारी देती हैं। गर्भवती महिलाओं व प्रसव के बाद शिशु व माताओं को कुपोषण से बचने बारे जानकारी दी जाती है।

-डॉ. सुशील चंद्र, सीएमओ, कुल्लू।

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