मझाण गांव में बुखार से पीड़ित लोगों की दिक्कतें बढ़ी

सैंज जिला की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के बा¨शदों की ¨जदगी रामभरोसे है। असु

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 07:56 PM (IST)
मझाण गांव में बुखार से पीड़ित लोगों की दिक्कतें बढ़ी
मझाण गांव में बुखार से पीड़ित लोगों की दिक्कतें बढ़ी

संवाद सहयोगी, सैंज : जिला की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के बा¨शदों की ¨जदगी रामभरोसे है। असुविधा का दंश झेल रहे ग्रामीणों की हालत बाद से बदतर है लेकिन इनकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं। पंचायत के मझाण गांव में पिछले एक सप्ताह से तकरीबन चार दर्जन लोग तेज बुखार की चपेट में है। लेकिन इन की सुध लेने वाला न तो स्वास्थ्य विभाग है और न ही प्रशासन।

घाटी के उपतहसील मुख्यालय में बेशक केंद्र सरकार और राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य मेला चलाया जा रहा है। लेकिन 20 किलोमीटर दूर बैठे इन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं। गांववासी जोग राज, धूप ¨सह, जवाहर, कुंज लाल ने कहा कि गांव में पिछले कई दिनों से करीब 78 लोगों को तेज बुखार हो रहा है जिनमें बच्चे, बूढ़े व महिलाएं भी है और इलाज करने के बाबजूद भी ठीक नहीं हो रहे। सैंज से तकरीबन 20 किलोमीटर मैल-मझाण गांवों में न तो सड़क सुविधा और न ही किसी प्रकार का स्वास्थ्य संस्थान है। वहीं इन दिनों पहाड़ों में हो रही बर्फबारी से मझाण से अस्पताल आना भी मुश्किल हो गया है । बीमार को चारपाई पर पहुंचाया अस्पताल

ग्रामीणों की मानें तो पिछले तीन-चार दिनों से लोग इन मरीजों को 20 किलोमीटर खतरनाक पगडंडियों वाले रास्ते से सड़क तक लाने में जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र के लोगों ने अपनी आवाज को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। मरीजों को पगडंडियों में लाते हुए ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में पोस्ट करना शुरू कर दिया है, ताकि प्रदेश सरकार को इसका अहसास हो सके। सैंज सीएचसी में भी चिकित्सक नहीं है। ऐसे में मरीजों को बंजार और कुल्लू लाना पड़ रहा है।

------------ पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र है पर कर्मचारी नहीं

गाड़ापारली पंचायत के बाह गांव में स्वास्थ्य विभाग ने वर्षो पहले सब सेंटर खोला है पर यहां स्वीकृत एएनएम का पद कई वर्षो से खाली चल रहा है। पंचायत प्रधान भाग चंद उपप्रधान गोपाल ¨सह ने कहा कि यदि सब सेंटर में कर्मचारी नियुक्त होते तो ग्रामीणों पर इतनी आफत न आती।

--------------- गांव में बुखार से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के लिए विभाग की ओर से टीमें गठित कर दी गई हैं और गांव के हर घर में जाकर लोगों की सेहत को जांचा जाएगा।

- डॉ. सुशील चंद्र, सीएमओ कुल्लू ।

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