जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले दिहाड़ीदार भी पाएंगे भत्‍ता, कैबिनेट बैठक में इन मामलों पर भी लगेगी मुहर

Himachal Cabinet Meeting कर्मचारियों की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले दिहाड़ीदारों को भत्ता देने की घोषणा की है। इसके बाद दिहाड़ीदारों व अनुबंध पर सेवाएं देने वाले कर्मियों को भत्ते पर अंतिम मोहर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लगेगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 01:47 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 01:47 PM (IST)
जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले दिहाड़ीदार भी पाएंगे भत्‍ता, कैबिनेट बैठक में इन मामलों पर भी लगेगी मुहर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले दिहाड़ीदारों को भत्ता देने की घोषणा की है।

शिमला, राज्‍य ब्यूरो। Himachal Pradesh Cabinet Meeting, हिमाचल प्रदेश के दो जनजातीय जिलों व भरमौर-पांगी क्षेत्र में सेवाएं देने वाले अनुबंध व दिहाड़ीदारों को भत्ता नहीं मिलता है। इसके अलावा प्रदेश के दूसरे हिस्सों में सेवाएं देने वाले कर्मचारी-दिहाड़ीदार भत्ता प्राप्त करते हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की विकट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए दिहाड़ीदारों का कार्य अधिक चुनौतीपूर्ण है। अब कर्मचारियों की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले दिहाड़ीदारों को भत्ता देने की घोषणा की है। इसके बाद दिहाड़ीदारों व अनुबंध पर सेवाएं देने वाले कर्मियों को भत्ते पर अंतिम मोहर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लगेगी।

मंत्रिमंडल की बैठक में जाएंगे ये विषय

संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा घोषित अन्य तीन मामले मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए जाएंगे। इनमें जेओए आइटी की वेतन विसंगति का विषय है। जेओए आईटी से जुड़ी वेतन विसंगति का मामला नए वेतनमान से दूर होगा। वरिष्ठ सहायकों की तर्ज पर स्टेनो टाइपिस्ट की पदोन्नति के लिए दस साल से सात साल करने और अधीक्षक ग्रेड-वन पद का नाम बदलने की सैद्धांतिक मंजूरी तो मिली है, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं आया है। इसलिए ये सभी मामले विचार-विमर्श के लिए मंत्रिमंडल की अगली बैठक में जाने संभावित माने जा रहे हैं।

60 वर्ष क्यों नहीं हो सकता सेवाकाल

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चाहते हैं कि उनका सेवाकाल 2001 से पहले की भांति बहाल किया जाए। जब सरकार कई तरह के मामलों में संशोधन कर रही है तो सरकारी क्षेत्र में सबसे निचले स्तर पर सेवाएं देने वाले कर्मचारी वर्ग के हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे में 58 साल की सेवाकाल की शर्त को खत्म कर 60 वर्ष करना चाहिए। ऐसा करने से सरकारी क्षेत्र के हजारों कर्मचारियों को दो साल तक अधिक समय तक सेवा करने का मौका मिलेगा। जबकि सरकार अपने चहेतों को पुर्नरोजगार प्रदान करती है।

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