शिमला शहर में ट्रैफ‍िक जाम से जल्‍द मिलेगी निजात, नए साल में होगा फ्लाई ओवर बनाने पर फैसला

Shimla City Traffic राजधानी शिमला में विधानसभा चौक से लेकर विक्ट्री टनल तक लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार फ्लाई ओवर बनाने जा रही है। नए साल में इस पर फैसला लिया जाएगा। निदेशक मंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा जाएगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 27 Dec 2021 07:15 AM (IST) Updated:Mon, 27 Dec 2021 07:59 AM (IST)
शिमला शहर में ट्रैफ‍िक जाम से जल्‍द मिलेगी निजात, नए साल में होगा फ्लाई ओवर बनाने पर फैसला
राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार फ्लाई ओवर बनाने जा रही है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla City Traffic, राजधानी शिमला में विधानसभा चौक से लेकर विक्ट्री टनल तक लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार फ्लाई ओवर बनाने जा रही है। नए साल में इस पर फैसला लिया जाएगा। 4 जनवरी को होने वाली स्मार्ट सिटी निदेशक मंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा जाएगा। इसी तरह का एक फ्लाई ओवर खलीणी में भी प्रस्तावित है। राज्य लोक निर्माण विभाग ने फ्लाई ओवर बनाने का प्रारूप तैयार कर लिया है। यह शहर का पहला फ्लाई ओवर होगा। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

पहले यह बैठक 13 दिसंबर को प्रस्तावित थी। व्यस्तता के चलते इसे टाल दिया गया था। अब नए साल में ही बैठक का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में शिमला शहर में नई एलईडी लाइटें लगाने, न्यू शिमला से रझाणा सड़क का निर्माण कार्य को शुरू करने के अलावा करोड़ों के प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए लाए जाएंगे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मियाद अगले साल मार्च महीने में पूरी हो रही है। ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा काम शुरू करवाना चाहती है ताकि उनके लिए बजट आता रहे।

धरातल पर उतरेंगे सभी पुराने प्रोजेक्ट

अगले साल नगर निगम के चुनाव होने हैं। ऐसे में स्मार्ट सिटी के ज्यादा से ज्यादा कार्यों को सरकार धरातल पर उतारना चाहती है ताकि चुनावों में इसका फायदा मिल सके। बैठक में नए प्रस्तावों को मंजूरी देने के साथ पुराने कार्यों की समीक्षा की जाएगी। शिमला में जनवरी और फरवरी महीने में बर्फबारी होती है जिसके चलते कंस्ट्रक्शन के काम बंद ही रहते हैं। सरकार चाहती है कि तीन महीनों में जितने भी काम चले हुए हैं वह पूरे हो जाएं। इसके लिए काम कर रहे ठेकेदारों को मजदूरों की संख्या बढ़ाकर काम को पूरा करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

कई प्रोजेक्ट केवल सपना ही रह गए

राजधानी शिमला को जब स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला था तब सरकार ने बड़े बड़े सपने दिखाए थे। शहर में सर्कुलर रोड को चौड़ा करने का काम आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है। एस्केलेटर, लिफ्ट, वॉकवे, केबल ब्रिज जैसे प्रोजेक्टों पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है। नगर निगम कभी इसमें एफसीए की मंजूरी का तर्क देता है तो कभी एनजीटी के आदेशों का हवाला देता है। हकीकत यह है कि ज्यादातर प्रोजेक्ट अभी भी कागजों तक ही सिमटे हुए हैं। गोल पहाड़ी स्मार्ट पार्क, विकासनगर पार्किंग, आजीविका भवन में लिफ्ट, बुक कैफे, व्यावसायिक परिसर, दुकानों का निर्माण कार्य जैसे जो प्रोजेक्ट अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।

कई प्रोजेक्ट हो सकते हैं बाहर

4 जनवरी को होने वाली स्मार्ट सिटी निदेशक मंडल की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। बैठक में कई ऐसे प्रोजेक्ट जिन पर बिल्कुल भी काम शुरू नहीं हो पाया है उन्हें बाहर किया जा सकता है। अगले साल नगर निगम के चुनावों को देखते हुए यह फैंसला लेना काफी मुशिकल है। बैठक के लिए जो एजेंडा तैयार किया गया है उसमें ऐसे प्रोजेक्टों की अलग से सूची बनाई गई है जो एनजीटी के आदेशों के चलते शुरू नहीं हो सकते या जिनमें एफसीए या फिर एनओसी का पेंच है।

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