सराहनीय: अब सड़क किनारे नहीं ठिठुरेंगे बेसहारा लोग, रैन बसेरा में मिलेगा सहारा; रेस्‍क्‍यू कमेटियां बनाई

सर्द रातों में गरीब और बेसहारा लोगों को अब सड़क किनारे ठिठुरना नहीं पड़ेगा। प्रदेश के नौ जिलों के 36 शहरी निकायों में रैन बसेरा शुरू कर दिए हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 03:30 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 03:30 PM (IST)
सराहनीय: अब सड़क किनारे नहीं ठिठुरेंगे बेसहारा लोग, रैन बसेरा में मिलेगा सहारा; रेस्‍क्‍यू कमेटियां बनाई
सराहनीय: अब सड़क किनारे नहीं ठिठुरेंगे बेसहारा लोग, रैन बसेरा में मिलेगा सहारा; रेस्‍क्‍यू कमेटियां बनाई

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। सर्द रातों में गरीब और बेसहारा लोगों को अब सड़क किनारे ठिठुरना नहीं पड़ेगा। प्रदेश के नौ जिलों के 36 शहरी निकायों में रैन बसेरा शुरू कर दिए हैं। इनमें गरीब बेसहारा लोगों को ठहराने के साथ भोजन मुहैया करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। रात को सड़क किनारे जो भी सोया हुआ पाया जाएगा, उसे रेस्क्यू टीम रैन बसेरा में रखेगी। ऐसी व्यवस्था दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शुरू की गई है। इसमें 35 रेस्क्यू कमेटियां बनाई गई हैं।

हिमाचल में 20 शहरी निकाय ऐसे हैं जहां रैन बसेरा जैसी व्यवस्था नहीं है। जल्द ही इनमें भी इस तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवाने के प्रयास किया जा रहे हैं। प्रदेश में अभी तक जो रेस्क्यू कमेटी बनाई गई हैं, उनमें स्थानीय प्रशासन के अलावा स्थानीय पुलिस, कल्याण विभाग व परिवहन विभाग को शामिल किया है।

पुलिस भर्ती व अन्य परीक्षार्थियों को भी मिलेगी सुविधा

ऐसे गरीब जिनके पास ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और पुलिस भर्ती या परीक्षा देने के लिए आए परीक्षार्थियों को भी रैन बसेरा में निशुल्क ठहरने की व्यवस्था है। उन्हें बिस्तर भी दिए जाएंगे। जो लोग पैसे देने में सक्षम हैं, वे पैसे देकर भी ठहर सकेंगे।

प्रदेश के 36 शहरी निकायों में गरीबों व बेसहारा लोगों के ठहरने के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था की गई है। सड़कों के किनारे कोई भी रात बिता रहा हो तो उसे रेस्क्यू टीम गाड़ी में लाएगी और उसके ठहरने व खाने की व्यवस्था करेगी। -राम कुमार गौतम, निदेशक, शहरी विकास।

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