घपले की बू के बाद मेधावी विद्यार्थियों के लिए 9700 लैपटॉप की खरीद का टेंडर रद

सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए की जा रही 9700 लैपटॉप खरीद के टेंडर को शिक्षा विभाग रद कर दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Aug 2019 02:49 PM (IST) Updated:Wed, 28 Aug 2019 04:36 PM (IST)
घपले की बू के बाद मेधावी विद्यार्थियों के लिए 9700 लैपटॉप की खरीद का टेंडर रद
घपले की बू के बाद मेधावी विद्यार्थियों के लिए 9700 लैपटॉप की खरीद का टेंडर रद

शिमला, रविंद्र शर्मा। सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए की जा रही 9700 लैपटॉप खरीद के टेंडर को शिक्षा विभाग रद कर दिया है। विभाग ने लैपटॉप खरीद की फाइल को अंतिम मंजूरी के लिए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के पास भेजा था। मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की ओर से किए जा रहे टेंडर को रद कर दोबारा से प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। गौर रहे है 'दैनिक जागरण' ने 22 जून से मेधावियों के लिए की जा रही लैपटॉप की महंगी खरीद के मामले को लगातार प्रमुखता से उठाया है। उसी आधार पर शिक्षा विभाग ने इस महंगी खरीद के टेंडर को रद कर दिया है। प्रदेश सरकार ने भी इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम पर सवाल खड़े किए थे।

यह उठाए थे सवाल

सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम से पूछा था एक लैपटॉप का मूल्य इतना अधिक क्यों हैं। टेंडर भरने वाली तीसरी कंपनी को किस आधार पर इस प्रक्रिया से बाहर किया गया। इस बार दो कंपनियों को 60:40 के अनुपात में लैपटॉप मुहैया करवाने की शर्त क्यों लगाई गई। आरोप है कि इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ने 2015 के दौरान भी मेधावियों के लिए हुई लैपटॉप खरीद में गड़बड़ की थी। तब बिना बताए सॉफ्टवेयर खरीदा था, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बाद सॉफ्टवेयर खरीद रद कर दी थी।

पांच करोड़ महंगे थे लैपटॉप

मार्च 2018 के परीक्षा में टॉपर रहे सरकारी स्कूल के दसवीं, जमा दो कक्षा सहित कॉलेज के करीब 900 मेधावियों के लिए लैपटॉप खरीदे जाने हैं। 2017 के दौरान 17.94 करोड़ रुपये से दस हजार से अधिक लैपटॉप खरीदे गए थे। 2016 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने 17.16 करोड़ रुपये में लैपटॉप खरीदे थे। इस बार 9700 लैपटॉप करीब 23.20 करोड़ में खरीदने की तैयारी की जा रही थी। 

मेधावी विद्यार्थियों के लिए खरीदे जा रहे 9700 लैपटॉप के टेंडर रद कर विभाग को दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने को कह दिया है। इस फाइल को अंतिम मंजूरी लेने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। -सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री।

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