सर्जरी भी टाल सकती है होम्योपैथी

ऑपरेशन का नाम सुनकर मरीज परेशान हो जाते हैं। वजह कि इसमें समय व धन तो खर्च होता ही है, शरीर को पीड़ा भी होती है। हालांकि कई बीमारियों में सर्जरी बेहद जरूरी होती है पर होम्योपैथ चिकित्सकों के अनुसार इस विधा से यदि शुरुआत में बीमारी का इलाज हो

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 10 Apr 2015 11:37 AM (IST) Updated:Fri, 10 Apr 2015 11:49 AM (IST)
सर्जरी भी टाल सकती है होम्योपैथी

हेमन्त पाठक, गोरखपुर। ऑपरेशन का नाम सुनकर मरीज परेशान हो जाते हैं। वजह कि इसमें समय व धन तो खर्च होता ही है, शरीर को पीड़ा भी होती है। हालांकि कई बीमारियों में सर्जरी बेहद जरूरी होती है पर होम्योपैथ चिकित्सकों के अनुसार इस विधा से यदि शुरुआत में बीमारी का इलाज हो जाए तो ऑपरेशन को टाला जा सकता है। किडनी या पित्ताशय के एक सीमा से कम आकार की पथरी, गर्भाशय के ट्यूमर, स्तन की गांठ, शरीर पर होने वाले मस्सों, चर्म रोग, एलर्जी यहां तक शुरुआती अवस्था का हार्निया भी इससे ठीक हो सकता है।

होम्योपैथ विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में होने वाली बीमारियों की सर्वप्रथम परिस्थितियां बनती हैं। होम्योपैथ में इन परिस्थितियों को मयाज्म कहा जाता है। यदि मयाज्म की समझ प्राप्त कर ली जाए तो कई तरह के संक्रमण को भी रोका जा सकता है। जिला होम्योपैथ चिकित्सालय के डा. अनूप श्रीवास्तव का कहना है होम्योपैथ दवाओं से किडनी में पांच से दस मिमी की पथरी आसानी से निकाली जा सकती है। गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने के साथ कैल्शियम व यूरिक एसिड से बनने वाली पथरी को भी गलाया जा सकता है। सिर्फ सर्जरी टालने में ही यह दवाएं उपयोगी नहीं है बल्कि सर्जरी करा चुके कई लोग जिनमें पथरी के बार-बार बनने की टेंडेंसी होती है उनको भी फायदा होता है। पित्त की थैली की पथरी यदि छोटी व अकेली हो तो होम्योपैथ दवाओं से इसे गलाया जा सकता है। स्तन या बच्चेदानी की गांठों का इस विधा से इलाज कर ऑपरेशन को टाला जा सकता है।

हार्निया व अपेंडिसाइटिस में भी कारगर : वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डा. रामरतन बनर्जी ने बताया कि हार्निया (आंत का उतरना) की यदि जल्द पहचान हो जाए तो इसे दवा से ठीक किया जाता है। अपेंडिसाइटिस के इलाज में भी होम्यापैथी कारगर है। गुर्दे पर पेशाब की नली में पथरी, रीढ़ की हड्डी का नस दबने से होने वाली बीमारी लंबर स्पांडलाइटिस, बे्रन ट्यूमर, दिमाग में रक्त का थक्का जमने, रीढ़ की हड्डी का टीबी जैसी बीमारियों का इलाज भी होम्योपैथी में संभव है। मानसिक रोगों का इलाज भी इस पैथी से हो सकता है।डायबिटीज, कैंसर और हेपेटाइटिस की दवाएं महंगी

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