स्लिप डिस्क रोगियों के लिए राहत भरी खबर

मिस टी लिफ तकनीक स्लिप डिस्क 45 से पीडि़त रोगियों के लिए सफल और सुरक्षित साबित हो रही है...

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 03 Feb 2015 10:28 AM (IST) Updated:Tue, 03 Feb 2015 10:36 AM (IST)
स्लिप डिस्क रोगियों के लिए राहत भरी खबर

मिस टी लिफ तकनीक स्लिप डिस्क 45 से पीडि़त रोगियों के लिए सफल और सुरक्षित साबित हो रही है...

45 वर्षीय मुकेश झा को एक दिन अपनी दुकान का जाम हुआ शटर उठाते समय अचानक कमर में बहुत तीव्र दर्द हुआ। वह दर्द बिजली के करंट की तरह पैर तक उतर गया। दर्द इतना भीषण था कि उन्हें तुरंत बैठना पड़ा। उस दिन के बाद से उन्हें पैरों में झनझनाहट, जलन, फटन, भारीपन और खिंचाव महसूस होने लगा। चलने में एक तरफ शरीर तिरछा हो गया। उन्हें दो मिनट से ज्यादा चलने और खड़े रहने में असुविधा होती थी और तुरंत बैठ जाने का मन करता था।

कमर में दर्द रहने की वजह से मुकेश मुझसे परामर्श लेने आए। चेकअप करने और एम. आर.आई. जांच के बाद पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी में एल 4/एल 5 में स्लिप डिस्क होने की वजह से नस दबी है। इस कारण उन्हें यह परेशानी हो रही है।

मैंने उन्हें नई तकनीक मिस टी लिफ से ऑपरेशन करने की सलाह दी और इस तकनीक की सुरक्षा और सफलता के बारे में जानकारी दी।

नई तकनीक

इस नई सर्जिकल तकनीक को 'मिनिमली इनवेसिव स्पाइन ट्रांसफोरामिनल लम्बर इंटर बॉडी फ्यूजन' संक्षेप में मिस टी लिफ कहा जाता है। इस तकनीक के अंतर्गत विशेष उपकरणों के जरिये एक इंच के चीरे के जरियऑपरेशन से नस खोलते हैं।

ऑपरेशन में स्लिप डिस्क का जो भाग नस को दबा रहा होता है, उसे हटा देते हैं। इसके परिणामस्वरूप नस पर दवाब हट जाता है और नस खुल जाती है। इस ऑपरेशन में छोटे से चीरे से ही स्क्रू और रॉड डालकर रीढ़ की हड्डी को आपस में स्थिर रखते हैं और उनके बीच में 'केज' डालकर और मजबूती प्रदान करते हैं। इन उपकरणों से रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है।

ऑपरेशन के फायदे

- यह तकनीक लगभग पूरी तरह सुरक्षित और सफल है।

- मरीज एक या दो दिन में घर जा सकता है।

- ऑपरेशन के बाद रक्त चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती और

संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है।

डॉ.अंकुर गुप्ता स्पाइन सर्जन

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