क्षमा से होती है मानसिक शांति की उत्पत्ति : रमेश

माडल कॉलोनी श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन चैतालय के प्रांगण में जिला स्तर पर युवा मंडल व सकल जैन समाज के सौजन्य से क्षमा वाणी पर्व शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सुभाष जैन ने की। मंच संचालन दीपा जैन व भावना जैन ने किया। सुनीता ने कहा कि क्षमा का अर्थ तो हृदय में किसी प्रकार की मन की मलीनता व गुत्थी का न होना है। यह अंतरमन को शुद्ध होने का एहसास कराती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Sep 2018 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 11:52 PM (IST)
क्षमा से होती है मानसिक शांति की उत्पत्ति : रमेश
क्षमा से होती है मानसिक शांति की उत्पत्ति : रमेश

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : माडल कॉलोनी श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन चैतालय के प्रांगण में जिला स्तर पर युवा मंडल व सकल जैन समाज के सौजन्य से क्षमा वाणी पर्व शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सुभाष जैन ने की। मंच संचालन दीपा जैन व भावना जैन ने किया।

सुनीता ने कहा कि क्षमा का अर्थ तो हृदय में किसी प्रकार की मन की मलीनता व गुत्थी का न होना है। यह अंतरमन को शुद्ध होने का एहसास कराती है। क्षमा मांगना व दूसरों को क्षमा करना कोई आसान काम नहीं है। वरिष्ठ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आरके जैन ने कहा कि मुनि तरुण सागर ने की 51 वर्ष की उम्र में मृत्यु ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जीवन में कुछ भी तय नहीं है। कहीं पर भी अल्प त्रुटि हो जाये तो तुरंत क्षमा मांग लेनी चाहिये, अन्यथा एक गलती की छोटी सी चिन्गारी महाविनाश का कारण बन सकती है। क्षमा जीवन की महानता का परिचायक है। क्षमा आत्म दर्शन का दिव्य दर्पण है। क्षमावान दूसरों की भूलों पर ध्यान दिया बिना, शक्तिवान तथा शक्तिहीन का अंतर न करते हुये अपने कोमल हृदय से क्षमा को स्वीकार करता है। डॉ. रमेश जैन ने बताया कि क्षमा करने से बड़ा कोई दान नहीं है, जो सबसे पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर व्यक्ति होता है। क्षमा से मानसिक शांति की उत्पत्ति होती है। गिरीराज स्वरूप जैन, दीपक जैन, अजय जैन, आनंद जैन, गौतम जैन, जितेन्द्र जैन, मुकेश जैन, अनिल जैन, संजीव जैन, सुशील जैन, गौरव जैन, मंजू जैन, मनोकामना जैन, अंकित जैन, अनीता जैन ने भाग लिया।

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