लोगों को निश्शुल्क कर रहे जड़ी-बूटी वितरित

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : एक ओर जहां विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए अंग्रेजी और देशी दवा की जगह-जग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jun 2017 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jun 2017 05:00 PM (IST)
लोगों को निश्शुल्क कर रहे जड़ी-बूटी वितरित
लोगों को निश्शुल्क कर रहे जड़ी-बूटी वितरित

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : एक ओर जहां विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए अंग्रेजी और देशी दवा की जगह-जगह दुकानें खोलकर दुकानदार मोटी रकम कमा रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो बिना किसी शुल्क के देसी जड़ी-बूटियां निश्शुल्क बांट रहे हैं। सेक्टर एक स्थित हाउ¨सग बोर्ड कालोनी के समीप रह रहे समाजसेवी हरबंस लाल खुराना गिलोए, ग्वारपाठा, तुलसी आदि लोगों को निश्शुल्क वितरित कर रहे हैं। उन्होंने अपने घर के बाहर ग्रीनबेल्ट एरिया में गिलोए, तुलसी, स्वामी आदि के पौधे लगाए हैं। वे इन पौधों को नियमित रूप से पानी और खाद दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस सीजन में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल आदि बीमारियों में गिलोए का सेवन करना रामबाण होता है।

सेवन का भी बताते हैं तरीका :

हरबंस लाल न केवल यहां आने वाले लोगों को गिलोए की डंठल निश्शुल्क वितरित करते हैं बल्कि इसका सेवन करने का तरीका भी बताते हैं। विभिन्न योग शिविरों में हिस्सा लेने के साथ स्वयं और परिजनों पर किए गए उपचार के आधार पर वे दवा बनाने और इसका सेवन करने का तरीका बताते हैं। उनका कहना है कि चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया में गिलोए प्लेटलेट्स को बढ़ाने और उपचार में कारगर साबित होता है। वे बताते हैं कि एक डंठल को आधा गिलास पानी में डालकर उबालना चाहिए। आधा पानी होने पर इसको चाय की तरह पीना चाहिए। वे कहते हैं कि टायफाइड को छोड़कर गिलोए हर बीमारी को ठीक करता है। रामेश्वर दयाल सांतोवाले, आर्य समाज के कमलवीर ¨सह आर्य, अरुण कुमार थपलिया सहित वहां मौजूद अन्य लोगों ने भी नियमित रूप से सेवन करने से कई बीमारियों के उपचार में इसे कारगर बताया है।

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