पानीपत के दोनों भाजपा विधायक मंत्रिमंडल में नहीं बना सके जगह

लगातार दूसरी बार पानीपत शहरी और ग्रामीण सीट पर भाजपा जीती है पर यहां के विधायक मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकाम रहे। जनता को इस बात की कचोट रहेगी कि उद्योग नगरी को चुनावी समर्थन का पुरस्कार नहीं मिल सका।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 08:52 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 08:52 AM (IST)
पानीपत के दोनों भाजपा विधायक मंत्रिमंडल में नहीं बना सके जगह
पानीपत के दोनों भाजपा विधायक मंत्रिमंडल में नहीं बना सके जगह

अरविन्द झा, पानीपत : लगातार दूसरी बार पानीपत शहरी और ग्रामीण सीट पर भाजपा जीती है पर यहां के विधायक मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकाम रहे। जनता को इस बात की कचोट रहेगी कि उद्योग नगरी को चुनावी समर्थन का पुरस्कार नहीं मिल सका।

सफल निर्यातक प्रमोद विज पानीपत शहरी विधायक बनने के पहले जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हुए नगर निगम और संसदीय चुनाव में कुशल प्रबंधन का प्रदर्शन कर चुके हैं। प्रदेश में गुरुग्राम के बाद सर्वाधिक राजस्व देने वाले पानीपत को फिर भी मंत्रिमंडल में उपेक्षा ही हाथ लगी। विज के परिवार का राजनीति से पुराना नाता है। उनके पिता फतेह चंद विज रिकॉर्ड पांच बार विधायक रहे हैं। प्रमोद विज को 2016 में जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।

इधर, भले ही महीपाल ढांडा लगातार दूसरी बार विधायक बनने में कामयाब रहे हों और खुलेआम जातिगत विरोधों के बावजूद संगठन के कर्मठ सिपाही की तरह संघर्ष कर सफलता हासिल की हो, पानीपत के लिए मंत्री पद का सम्मान नहीं ला सके। महीपाल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय किसान मोर्चा की जिम्मेदारियां निभाते हुए आगे बढ़े हैं। बुधवार को सीएम आवास पर रात्रिभोज में भी उन्हें मंत्री पद दिए जाने की चर्चा थी।

मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के समय पार्टी कार्यकर्ताओं की नजरें टेलीविजन पर टिकी रही। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि मंत्री पद मिलने से विकास को गति और दिशा मिलेगी। वर्ष 2014 -19 के विधानसभा कार्यकाल में भाजपा में शामिल होकर इसराना से चुनाव जीतने वाले कृष्णलाल पंवार को परिवहन, आवास व जेल मंत्री बनाया गया था, परंतु इस बार वह चुनाव हार गए। उद्योग और कारोबार नगरी के विकास में पिछड़ते जाने में सत्ताधारी नेताओं की उपेक्षापूर्ण नीति की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है। भाजपा सरकार में उम्मीद थी, लेकिन कार्यकर्ता एकबार फिर निराशा में चले गए हैं। ये रह चुके मंत्री

सतबीर सिंह मलिक : वित्त मंत्री

प्रसन्नी देवी : स्वास्थ्य मंत्री

कटार सिंह : वित्त मंत्री

विजेंद्र कादियान : पशुपालन मंत्री

करतार सिंह भड़ाना : सहकारिता मंत्री

बलबीर पाल शाह : परिवहन मंत्री

ओम प्रकाश जैन : परिवहन मंत्री

कृष्णलाल पंवार : परिवहन, जेल व आवास

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