पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा, सदन में दबाई विपक्ष की आवाज तो सड़कों पर लड़ेंगे आमजन की लड़ाई

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुरुक्षेत्र के पिपली पहुंचे। यहां उन्‍होंने पत्रकार वार्ता की। उन्‍होंने कहा अगर सदन में विपक्ष की आवाज दबाई जाएगी तो सड़कों पर उतरेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 09:18 AM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 09:18 AM (IST)
पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा, सदन में दबाई विपक्ष की आवाज तो सड़कों पर लड़ेंगे आमजन की लड़ाई
पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा, सदन में दबाई विपक्ष की आवाज तो सड़कों पर लड़ेंगे आमजन की लड़ाई

पानीपत/कुरुक्षेेेेत्र, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार किसान, मजदूर, कर्मचारी, कारोबारी और बेरोजगारी के मुद्दों से भाग नहीं सकती। उनको विपक्ष और जनता के सवालों का जवाब देना ही होगा। छह साल में एक के बाद एक घोटाले हुए और कोरोना काल में भी मिलीभगत कर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए गए। इन सबकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। 

उन्होंने ये बात पिपली स्थित पैराकिट में पत्रकारों के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सदन में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करेगी तो वह इस लड़ाई को सड़कों पर लड़ेंगे। हुड्डा ने कहा कि इस बार का विधानसभा सत्र औपचारिकता मात्र साबित हुआ। सरकार ने दलील दी कि मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री व स्पीकर समेत आठ-नौ सदस्य और विधानसभा का स्टाफ संक्रमित है। इसलिए सत्र एक दिन का ही हो सकता है।

 

उन्‍होंने कहा, कांग्रेस ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में मांग रखी थी कि अगर सरकार औपचारिकता पूरी करना चाहती है तो सिर्फ बहुत जरूरी विधायी कार्यों को ही निपटाया जाएं। कांग्रेस ने सदन में तीन नए कृषि अध्यादेशों, घोटालों, पीटीआई की बर्खास्तदी, कर्मचारियों की छंटनी, बेरोजगारी और अपराध पर चर्चा करने के लिए ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव दिए थे। लेकिन सरकार ने फिलहाल सभी पर चर्चा से इंकार कर दिया।  

हुड्डा ने कहा कि सरकार का जनकल्याण की नीतियां बनाने की बजाय घोटाले और कर्मचारियों की छंटनी करने की तरफ ध्यान है। बर्खास्त 1983 पीटीआइ का दर्द भी नहीं समझा और भर्ती के लिए परीक्षा करवा दी। इसका भी पेपर भी लीक हुआ। इसके पीछे पूरा रैकेट काम कर रहा है, लेकिन सरकार इसको दबाने में लगी है। 

सरकार खुद खेल कोटे के भर्ती किए 1518 ग्रुप-डी कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाने की तैयारी कर रखी है। इसके अलावा अलग-अलग महकमों में रोज कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि सरकार की कन्फ्यूजन कोरोना नीति की वजह से आज महामारी विकराल हो चुकी है। विधानसभा सत्र से पहले जब सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट करवाया गया तो मुख्यमंत्री और स्पीकर समेत आठ सदस्य कोरोना संक्रमित मिले। ये आंकड़ा 90 सदस्यीय (फिलहाल 89) सदन का नौ प्रतिशत है। जब इनमें संक्रमित सदस्यों की संख्या नौ प्रतिशत है तो आम जनता का क्या हाल होगा? इस स्थिति में जेईई और एलईईटी की परीक्षा कराने का फैसला भी हैरान व परेशान करता है।

हुड्डा ने कहा कि बरोदा में लोग सरकार को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भाजपा की जनविरोधी नीतियां और किसान विरोधी बयान खुद ही उसकी लुटिया डूबो देंगे। हुड्डा ने कृषि मंत्री के जलभराव की समस्या को हल करने की बजाय किसानों को मछली पालने की सलाह देने को भी निंदनीय बताया।

उन्होंने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री भी एक बार कह चुके हैं कि अगर किसान की धान नहीं बिक रही है तो वह चावल बनाकर बेचें। अगर किसान के चावल नहीं बिकेंगे तो हो सकता है कि कल को कोई नेता कहे कि खीर बनाकर बेचो। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के ऐसे बेतुके बयानों से किसानों में रोष है। इस मौके पर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा  और लाडवा विधायक मेवा सिंह मौजूद रहे। 

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