हरियाणा के CM मनोहर लाल पर हमले के प्रयास के मामले में अफसरों ने स्पीकर को सौंपी गोलमोल रिपोर्ट

हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान परिसर में सीएम मनोहर लाल से अभद्रता व हमले के प्रयास के मामले में हरियाणा पंजाब व चंडीगढ़ के अफसरों ने स्पीकर को रिपोर्ट सौंप दी है। पुलिस अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में गलती नहीं मानी लेकिन आगे के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 05:15 PM (IST)
हरियाणा के CM मनोहर लाल पर हमले के प्रयास के मामले में अफसरों ने स्पीकर को सौंपी गोलमोल रिपोर्ट
हरियाणा विधानसभा परिसर में सीएम मनोहर लाल का विरोध जताते पंजाब के विधायक। फाइल फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ पंजाब के अकाली विधायकों द्वारा की गई अभद्रता तथा हमले के प्रयास की जांच रिपोर्ट स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के पास पहुंच गई है। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारियों ने यह जांच रिपोर्ट तैयार की। 11 पेज की इस जांच रिपोर्ट में तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारी मुद्दे से भटकते नजर आए और गोलमोल रिपोर्ट सौंपते हुए पुलिस व सीआइडी को क्लीन चिट दे दी है।

भविष्य में ऐसी घटना न हो पाए, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने विधानसभा स्पीकर को कई अहम सुझाव दिए हैं।विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव की ओर से सौंपी गई इस जांच रिपोर्ट से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह जांच रिपोर्ट आधी-अधूरी है और इसमें सुरक्षा में चूक के लिए किसी की जवाबदेही तय नहीं की गई है।

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इस रिपोर्ट को वह दोबारा डीजीपी को वापस भेजेंगे और उनसे जवाब तलब कर सही रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर 10 मार्च को उस समय पंजाब के नौ अकाली विधायकों ने हमला करने की कोशिश की, जब मुख्यमंत्री उस दिन के सत्र की कार्यवाही खत्म होने के बाद विधानसभा परिसर में मीडिया के लोगों से बातचीत कर रहे थे। उसी दिन पंजाब विधानसभा का बजट सत्र खत्म हो चुका था और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया समेत नौ अकाली विधायक विधानसभा की पार्किंग में अपनी गाड़ियों में बैठकर हरियाणा के मुख्यमंत्री का बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।

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इसकी भनक हालांकि हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ राज्यों के पुलिस अधिकारियों को पहले ही मिल गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी अकाली विधायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ प्रदर्शन तथा उनके साथ अभद्रता करने में कामयाब हो गए थे।विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस बारे में अगले दिन सदन को अवगत कराया और चंडीगढ़ के सेक्टर तीन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। स्पीकर ने सदन में स्पष्ट तौर पर कहा कि यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमला करने की इरादतन साजिश थी। इन्हीं धाराओं में चंडीगढ़ पुलिस ने कानूनी राय लेने के बाद अकाली विधायकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की।

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स्पीकर ने रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद पूरे मामले की जांच हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव, चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप चहल और पंजाब के आइजी स्तर के एक अधिकारी को सौंप दी। इस कमेटी ने बृहस्पतिवार को अपनी गोलमोल रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है।तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने यह नहीं माना कि इस प्रकरण में पुलिस या खुफिया एजेंसियों की कोई लापरवाही थी, जबकि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का मानना है कि यह सरासर लापरवाही से जुड़ा मामला है। यदि पुलिस और खुफिया एजेंसी समय से विधानसभा स्पीकर को सूचना दे देती तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस कान्फ्रेंस विधानसभा के भीतर अथवा हरियाणा निवास में बनी अस्थाई मीडिया गैलरी में कराई जा सकती थी, लेकिन अकाली विधायकों द्वारा हंगामा किए जाने की तैयारी संबंधी कोई इनपुट स्पीकर को नहीं दिया गया, जबकि उन्होंने अपने तरीके से पता कराया था कि इस बारे में पुलिस व खुफिया एजेंसियों को पहले से सूचना थी।

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सात प्रवेश द्वारों पर बैरीकेड्स और संयुक्त फोर्स लगाने का सुझाव

डीजीपी मनोज यादव के नेतृत्व वाली इस कमेटी ने भविष्य में ऐसी घटना न होने देने के लिए स्पीकर को कई सुझाव दिए हैं। इस कमेटी ने कहा है कि पंजाब व हरियाणा विधानसभा में प्रवेश के लिए सात द्वार हैं। इन सभी प्रवेश द्वार पर दोनों राज्यों के पुलिस व खुफिया अधिकारी रहने चाहिएं। विधानसभा सत्र जब भी शुरू हो, तभी हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के अधिकारियों की संयुक्त मीटिंग आयोजित की जाए तथा सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा की जाए। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों राज्यों का विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान संयुक्त नियंत्रण कक्ष बने। विधानसभा में प्रवेश के सभी सात रास्तों पर बैरीकेड्स लगाए जाएं।

जांच रिपोर्ट का हो रहा अध्ययन, दोबारा नहीं होने देंगे ऐसी घटना

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर साजिशन और इरादतम हमला किया गया था। इस बारे में हमने नौ अकाली विधायकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी है। हमने उच्च स्तरीय कमेटी से जांच भी कराई है। जांच रिपोर्ट हमें मिल चुकी है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। प्राथमिक तौर पर रिपोर्ट देखने में लग रहा है कि इसमें किसी की जवाबदेही नहीं है। मैं इस रिपोर्ट का पूरा अध्ययन कराने के बाद यदि खामियां मिली तो इसे डीजीपी को वापस भेजूंगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए तमाम पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे।

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