Haryana Panchayat Election: आदमपुर उपचुनाव से पहले पंचायत चुनाव का मनोहर सरकार ने खेला सधा कार्ड

Haryana Panchayat Election मनोहर लाल सरकार ने आदमपुर सीट के उपचुनाव से पहले राज्‍य में पंचायत चुनाव कराने का फैसला कर बड़ा दांंव चला है। पंचायत चुनाव के नतीजे आदमपुर उपचुनाव से पहले घोषित नहीं होंगे। इससे आदमपुर उपचुनाव पर असर नहीं पड़ेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 08 Oct 2022 01:51 AM (IST) Updated:Sat, 08 Oct 2022 09:05 AM (IST)
Haryana Panchayat Election:  आदमपुर उपचुनाव से पहले पंचायत चुनाव का मनोहर सरकार ने खेला सधा कार्ड
हरियाणाामें पंचायत चुनाव आदमपुर उचुनाव से पहले होगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ , जेएनएन। Haryana Panchayat Election: हरियाणा में आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव से पहले 10 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के सदस्यों तथा पंच-सरपंचों के चुनाव कराने का निर्णय लेकर प्रदेश सरकार ने सधा हुआ दांव खेला है। उपचुनाव से पहले जिला परिषदों और ब्लाक समिति के सदस्यों का चुनाव होने के बावजूद नतीजे घोषित नहीं किए जाएंगे जिससे उपचुनावों पर पंचायत चुनावों का कोई असर नहीं पड़ेगा।

10 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के सदस्यों के चुनाव के बावजूद मतगणना रोकने से प्रभावित नहीं होगा उपचुनाव

डेढ़ साल से अधिक समय से टलते आ रहे पंचायत चुनावों के चलते जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रोष पनप रहा था, वहीं विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। चूंकि जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे, इसलिए राज्य चुनाव आयोग ने सभी 22 जिला परिषदों और 143 ब्लाक समितियों के चुनाव के बाद ही एक साथ चुनाव परिणाम घोषित करने का ऐलान किया है। इससे विभिन्न चरणों में चुनाव होने के बावजूद दूसरे क्षेत्रों में हार-जीत का असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में किसी राजनीतिक दल को विभिन्न चरणों में पंचायत चुनाव होने के कारण मतदाताओं के प्रभावित होने की शिकायत नहीं रहेगी।

चुनाव खर्च की सीमा पिछली बार के मुकाबले पांच गुणा तक बढ़ी, दिल खोलकर खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी

वहीं, पंचायत चुनाव में उम्मीदवार खुलकर खर्च कर सकेंगे। वर्ष 2016 के चुनाव के मुकाबले इस बार चुनावी खर्च की राशि में चार से पांच गुणा बढ़ोतरी की गई है। पंच-सरपंच से लेकर जिला परिषद व ब्लाक समिति सदस्य की खर्च राशि को बढ़ाया गया है। पंच पद का उम्मीदवार चुनावी प्रचार पर 10 हजार रुपये की बजाय 50 हजार रुपये खर्च कर सकेगा।

सरपंच पद के लिए चुनावी खर्च सीमा में चार गुणा बढ़ोतरी की गई है। पिछली बार सरपंच पद की चुनावी खर्च सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित थी जिसे बढ़ाकर दो लाख रुपये किया गया है। ब्लाक समिति सदस्य के चुनावी खर्च को एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख 60 हजार रुपये तथा जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव खर्च की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये किया गया है।

राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों को अपने चुनावी खर्च का ब्योरा 30 दिन के अंदर जिला चुनाव आयुक्त कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित अवधि के भीतर अपने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं देता है तो उसे डिफाल्टर घोषित करते हुए तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

ऐसे बढ़ती गई चुनाव खर्च की सीमा

वर्ष -          पंच -                सरपंच                ब्लाक समिति सदस्य                  जिला परिषद सदस्य

1994 -     2000 -             5000 -                  20,000 -                                   50,000

2000 -    3000 -             8000 -                  30,000 -                                   75,000

2003 -   5000 -             25,000 -                50,000 -                              एक लाख

2015 -  10,000 -           50,000 -                एक लाख -                         दो लाख

2022 - 50,000 -          दो लाख -                  तीन लाख 60 हजार -           छह लाख

(नोट : राशि रुपये में है।)

जमानत राशि में भी हुई बढ़ोतरी

राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की जमानत राशि में भी बढ़ोतरी की है। पंच से लेकर सरपंच व जिला परिषद सदस्यों को नामांकन के दौरान इस बार पिछले चुनाव की तुलना में चार गुणा जमानत राशि जमा करानी होगी। इस बार पंच पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 250 रुपये जमा करने होंगे, जबकि महिला, अनुसूचित वर्ग और पिछड़ा वर्ग को 125 रुपये जमानत राशि के रूप में देने होंगे।

पिछले चुनाव में यह राशि सामान्य वर्ग के लिए 100 रुपये और आरक्षित श्रेणी के लिए 40 रुपये राशि थी। इसके साथ ही सरपंच पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 200 रुपये की जगह 500 रुपये और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के 100 रुपये की जगह 250 रुपये जमा कराने होंगे। पंचायत समिति सदस्य के लिए सामान्य वर्ग को 300 रुपये के बदले 750 रुपये और आरक्षित वर्ग को 150 रुपये की जगह 375 रुपये की जमानत देनी होगी। जिला परिषद सदस्य के लिए सामान्य वर्ग की जमानत राशि 400 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये और आरक्षित वर्ग के लिए 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये की गई है।

यह जानना भी है जरूरी

-यदि किसी जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य के लिए दोबारा मतदान (रि-पोल) होता है तो वह दो नवंबर को करवाया जाएगा। - यदि किसी सरपंच व पंच पद के लिए दोबारा मतदान होता है तो वह चार नवंबर को होगा। -आदर्श आचार संहिता के दौरान चुनाव में लगे किसी भी अधिकारी व कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।
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