अनिल विज को लग सकता है एक और झटका, अब शहरी निकाय विभाग को तोडने की तैयारी

हरियाणा के गृह व शहरी निकाय मंत्री अनिल विज को एक और झटका लग सकता है। गृह के बाद अब उनके शहरी निकाय विभाग को तोड़ने की तैयारी की जा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 01:52 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 01:52 PM (IST)
अनिल विज को लग सकता है एक और झटका, अब शहरी निकाय विभाग को तोडने की तैयारी
अनिल विज को लग सकता है एक और झटका, अब शहरी निकाय विभाग को तोडने की तैयारी

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को एक और झटका लग सकता है। सीआइडी को विज के गृह विभाग से अलग करने की अटकलों के बीच प्रदेश सरकार सभी 10 नगर निगमों और 16 नगर परिषदों को शहरी निकाय विभाग से अलग करने की तैयारी कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो शहरी निकाय विभाग के पास सिर्फ नगर पालिकाएं रह जाएंगी। तब नगर निगम व नगर परिषदों का अलग अस्तित्व होगा। विज गृह विभाग के साथ शहरी निकाय विभाग के मंत्री भी हैैं। ऐसे में फिर से विवाद पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

शहरी निकाय विभाग से अलग होंगे 10 नगर निगम व 16 नगर परिषद

उल्लेखनीय है कि अनिल विज सभी शहरी निकायों का स्पेशल ऑडिट कराने की रूपरेखा तैयार कर रहे हैैं। वहीं सीआइडी को गृह विभाग से अलग करने की तैयारी संबंधी विवाद पहले ही भाजपा हाईकमान के पास पहुंच चुका है। विवाद को बढऩे से रोकने के लिए हाईकमान शहरी निकाय विभाग को बांटने की तैयारी पर भी ब्रेक लगा सकता है। पिछले दिनों शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बैठक में निगम और परिषद आयुक्तों को स्पष्ट संकेत दिया कि अब वे खुद ही अपना खर्चा उठाने की तैयारी कर लें। सरकार की ओर से उन्हें ग्र्रांट नहीं मिलेगी।

57 नगरपालिकाएं ही रहेंगी शहरी निकाय विभाग में शामिल

हरियाणा में 83 शहरी स्थानीय निकाय हैं, जिनमें 57 नगरपालिकाएं शामिल हैं। यदि ऐसा कोई प्रस्ताव सिरे चढ़ता है तो पहले कैबिनेट की मुहर जरूरी है, लेकिन कई विधायक नगर निगमों व परिषदों को शहरी स्थानीय निकाय विभाग से अलग करने के हक में नहीं हैैं। शहरी निकायों की अपनी खुद की भी आय है और सरकार भी सालाना बजट देती है।

दरअसल शहरी निकायों के पास कमाई के सीमित संसाधन हैं, लेकिन खर्चें इससे कहीं अधिक हैं। सभी निकाय अपना वार्षिक बजट भी पेश करते हैं। सरकार निगमों में मेयर के सीधे चुनाव करवाने का फैसला पहले ही ले चुकी है। नगर परिषद और नगर पालिकाओं में भी प्रधान के सीधे चुनाव होंगे। सरकार का मानना है कि निगम व परिषदें अपना खर्च खुद उठा सकते हैैं।

'मेरे पास अभी तक नहीं आई ऐसी फाइल'

'' हरियाणा के नगर निगमों व नगर परिषदों को विभाग से अलग कर स्वतंत्र काम करने की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया की मुझे जानकारी नहीं है। हो सकता है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में कुछ चल रहा हो। इस बारे में मैैं कुछ नहीं बता सकता। मेरे पास यदि कोई फाइल आती है, तभी कुछ बता सकूंगा। अगर ऐसा कोई फैसला होता है तो फिर शहरी निकाय विभाग का कोई औचित्य नहीं रहेगा।

                                                                           - अनिल विज, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, हरियाणा।

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