सेवा विस्तार के बाद हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को गृह मंत्री के साथ तालमेल बनाकर चलना चुनौती

हरियाणा में कानून में कोई संशोधन किए बिना डीजीपी मनोज यादव को मिला सेवा विस्तार मिल गया है। सीएम के निर्देश पर गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इस कार्यकाल में मनोज यादव के लिए गृह मंत्री से तालमेल बैठाना चुनौती होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 02:11 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 02:11 PM (IST)
सेवा विस्तार के बाद हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को गृह मंत्री के साथ तालमेल बनाकर चलना चुनौती
मनोज यादव एवं अनिल विज की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने मौजूदा पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज यादव को सेवा विस्तार दे दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने मनोज यादव के सेवा विस्तार के आदेश जारी किए। मनोज यादव अगले आदेश तक हरियाणा के पुलिस महानिदेशक पद पर बने रहेंगे। अपने अगले सेवा काल में मनोज यादव के सामने गृह मंत्री अनिल विज का भरोसा जीतने की बड़ी चुनौती होगी।

मनोज यादव 1988 बैच के आइपीएस अधधिकारी हैं। वरिष्ठता के क्रम में एसएस देसवाल, के सेल्वराज और केके सिंधु उनसे ऊपर हैं। हरियाणा सरकार ने 18 फरवरी 2019 को मनोज यादव के डीजीपी के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए थे, जो दो साल के लिए थे। उन्होंने 21 फरवरी को कार्यभार ग्रहण किया था। 20 फरवरी को दो साल पूरे होने पर उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। कयास लगाए जा रहे थे कि मनोज यादव को बदला जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मनोज यादव ने अपने दो साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार के एजेंडे पर बखूबी काम किया है। गृह मंत्री अनिल विज के साथ उनकी तनातनी रही। इसके पीछे राजनीतिक कारण भी हावी रहे। सीआइडी को गृह विभाग से अलग करने, तत्कालीन सीआइडी प्रमुख द्वारा मुख्यमंत्री या गृह मंत्री को रिपोर्ट किए जाने, एडीजीपी एएस चावला को हटाने, बिना जानकारी के आइपीएस अधिकारियों के तबादले तथा सिफारिश के बावजूद विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने के ऐसे कई मामले रहे, जो डीजीपी के प्रति गृह मंत्री की नाराजगी का कारण बने हैं।

मनोज यादव को डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार देने के लिए किसी कानून में संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी। सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग है कि डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होना चाहिए। यह अधिकतम कितना भी हो सकता है। राज्य सरकार को अधिकार है कि वह डीजीपी का कार्यकाल अपनी सुविधा अनुसार बढ़ा सकती है। 31 जुलाई 2025 को मनोज यादव की रिटायरमेंट है। मनोज यादव के बैच मेट कुछ अधिकारियों उन्हें गृह मंत्री और मीडिया के साथ मधुर रिश्ते बनाने की सलाह दी है।

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