तीन अध्यादेशों को वापस लेने व किसानों पर हुए मुकदमें खारिज करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता करनाल लघु सचिवालय के बाहर किसान संगठनों व आढ़तियों ने तीन अध्यादेशों

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 07:34 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 07:34 AM (IST)
तीन अध्यादेशों को वापस लेने व किसानों पर हुए मुकदमें खारिज करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
तीन अध्यादेशों को वापस लेने व किसानों पर हुए मुकदमें खारिज करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, करनाल : लघु सचिवालय के बाहर किसान संगठनों व आढ़तियों ने तीन अध्यादेशों को वापस लेने व पिपली में हुए किसानों पर लाठीचार्ज के बाद दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर धरना दिया। धरने पर कई किसान संगठन मौजूद रहे। सरकार द्वारा तीन अध्यादेश लागू करने के बाद लगातार किसान संगठन व मंडियों के आढ़ती लागू किए गए तीनों अध्यादेशों को वापस करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वहीं भाजपा नेता लगातार किसानों के बीच जाकर उन्हें तीनों आध्यदेशो के बारे में समझने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन किसान संगठन तीनों आध्यदेशों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। धरने पर पहुंचे किसानों का कहना है कि 15 से 19 सितंबर तक हमारा धरना जारी रहेगा। किसानों ने कहा हम जिस तरह से पहले मंडी में अपनी फसल को बेचा करते थे, उसी तरह से हमारी फसल को खरीदा जाना चाहिए। पिपली में हुए किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने व किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। नई अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि सरकार ने तीन अध्यादेश लाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है। सरकार किसानों व आढ़तियों के बीच का रिश्ता खत्म करना चाहती है, लेकिन वह अपनी इस रणनीति में कामयाब नहीं होंगे। तीनों अध्यादेशों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा। हर मंच पर किसानों के साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। किसान नेता अजय राणा ने कहा कि हमारे देश की जीडीपी का मूल आधार कृषि है, लेकिन इसी को सरकार बर्बाद करने पर तुली हुई है। पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की वह कड़े शब्दों में निदा करते हैं। सरकार को किसानों पर दर्ज मुकदमें तुरंत प्रभाव से वापस लेने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान आंदोलन व्यापक रूप ले लेगा।

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