पूर्व सरकारों में बंद लिफाफों में पहुंचते थे भ्रष्टाचार से कमाए पैसे : नायब सैनी

श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सैनी ने कहा कि पहले सत्ता में बैठे नेताओं की डिमांड होती थी और भ्रष्टाचार के पैसे बंद लिफाफों में उनके पास पहुंचते थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Apr 2019 09:31 AM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2019 09:31 AM (IST)
पूर्व सरकारों में बंद लिफाफों में पहुंचते थे भ्रष्टाचार से कमाए पैसे : नायब सैनी
पूर्व सरकारों में बंद लिफाफों में पहुंचते थे भ्रष्टाचार से कमाए पैसे : नायब सैनी

जागरण संवाददाता, कैथल : श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सैनी ने कहा कि पहले सत्ता में बैठे नेताओं की डिमांड होती थी और भ्रष्टाचार के पैसे बंद लिफाफों में उनके पास पहुंचते थे। लेकिन जब से देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, तब से भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

अनाज मंडी में व्यापारियों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कैथल की मंडी में गेहूं की बोरियों के उठान के लिए भारी रिश्वत चलती थी, जिसको भाजपा ने बिल्कुल समाप्त कर दिया है। अब सारे कार्य सिस्टम से चलते हैं। प्रदेश के अधिकारी ईमानदार हैं, लेकिन कुछ अधिकारी जनता को परेशान करते हैं। पता चलने पर सरकार उन अधिकारियों से भी निपट रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में रणदीप सुरजेवाला व हुड्डा ने भाजपा पर 1509 धान घोटाले का आरोप था और जब इसकी जांच करके सभी राइस मिलों से यह धान उनको 1620 रुपये में खरीद करने की कही तो वे दूर भागने लगे। अफीम नहीं फसल बेचकर पाल रहे बच्चे आढ़ती : कृष्ण

मंडी प्रधान कृष्ण मितल ने कहा कि मार्केटिग बोर्ड के अधिकारी व्यापारियों के लाइसेंस रिन्यू न करके उन्हें पिछले तीन साल से परेशान कर रहे हैं। पंजाब में मात्र एक बार 2000 रुपये की फीस पर आढ़ती का लाइसेंस लाइफ टाइम का बनाया जा रहा है। प्रदेश में भी इसी तरह लाइसेंस बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी कोई अफीम का व्यापार नहीं करते, बल्कि किसानों की फसल को बेच कर अपने बच्चे पाल रहे हैं। नई मंडी में 662 व पुरानी मंडी में लगभग 200 लाइसेंस है, जिनको अधिकारी जबरदस्ती अवैध घोषित कर रहे हैं। उनके लाइसेंस सीजन से पूर्व पांच दिनों में रिन्यू करवाए जाएं। इस पर मंत्री ने कहा कि उनकी यह समस्या कलायत की तरह जल्दी ही हल कर दी जाएगी।

जगह नहीं होने की बात कहकर चावल लेने से मना कर रहे अधिकारी

राइस मिलर्स एसोसिएशन के उपप्रधान मांगे राम खुरानियां ने मिलों की समस्या मंत्री के सामने रखी। उन्होंने कहा कि राइस मिलों को खरीद की गई धान में से चावल निकाल कर 31 मार्च तक देना होता है, लेकिन कैथल में अधिकारी जगह नहीं होने की बात कहकर चावल लेने से मना कर रहे हैं। इतना ही नहीं एजेंसियों के अधिकारी डिफाल्टर राइस मिलों को अधिक धान अलाट करते हैं। ऐसे अधिकारियों की जांच हो और सही राइस मिलों पर जबरदस्ती लगाया गया जुर्माना माफ कर चावल लिया जाए। मंत्री ने इस समस्या को हल करने का आश्वासन दिया। मंडी के आढ़तियों ने मंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

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