दुधारू पशुओं की डेयरी का व्यवसाय करने वाले किसानों को मिलेगा 50 लाख का लोन

पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जिले में श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करवाई जा रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2022 06:53 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 06:53 PM (IST)
दुधारू पशुओं की डेयरी का व्यवसाय करने वाले किसानों को मिलेगा 50 लाख का लोन
दुधारू पशुओं की डेयरी का व्यवसाय करने वाले किसानों को मिलेगा 50 लाख का लोन

जागरण संवाददाता, हिसार : पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जिले में श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करवाई जा रही हैं। यह जानकारी देते हुए एसडीओ डा रविद्र कुमार कौशिक ने बताया कि विभाग द्वारा 50 दुधारू भैंसों की हाई टेक डेयरी स्थापित करवाई जाती है। पशुपालक को डेयरी स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये का ऋण दो किस्तों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। 25 प्रतिशत मार्जिन मनी पशुपालक को स्वयं वहन करनी होती है। विभाग द्वारा पशुपालकों के बैंक ऋण के ब्याज का भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 20 भैंसों की हाईटेक डेयरी के लिए 20 लाख रुपये का ऋण दो किस्तों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। बैंक ऋण के ब्याज का भुगतान विभाग द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि 10 दुधारू भैंसों की डेयरी स्थापित करने वाले पशुपालकों को 9 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है। डेयरी का व्यवसाय करने वाले सामान्य वर्ग के पशुपालकों को ऋण का 25 प्रतिशत अनुदान और अनुसूचित जाति के पशुपालकों को ऋण का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार चार दुधारू भैंसों की डेयरी का व्यवसाय करने वाले पशुपालकों को 3.60 लाख रुपए का ऋण, सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को ऋण का 25 प्रतिशत अनुदान तथा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को ऋण का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। एसडीओ डा. रविद्र कुमार कौशिक ने बताया कि बकरी, भेड़ और सुअर पालन का व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों को उदार शर्तों पर ऋण एवं अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बकरी/भेड़ पालन का व्यवसाय करने वाले सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

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