जिले में गन्ने का रकबा बढ़ा, किसान तैयार कर रहे गुड़

धान व कपास की फसल में घाटा दिखा तो कई किसानों ने गन्ना उत्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jan 2019 10:40 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jan 2019 10:40 PM (IST)
जिले में गन्ने का रकबा बढ़ा, किसान तैयार कर रहे गुड़
जिले में गन्ने का रकबा बढ़ा, किसान तैयार कर रहे गुड़

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

धान व कपास की फसल में घाटा दिखा तो कई किसानों ने गन्ना उत्पादन करने का कार्य अपनाया। गन्ने की फसल पकी तो किसानों को इसे बेचने के लिए दो चार होना पड़ा। कारण कि क्षेत्र में आसपास भूना में स्थित एकमात्र शुगर मिल विगत वर्षों से बंद पड़ी है। ऐसे में गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना बेचने के लिए दूरदराज की मंडियों में भटकना पड़ रहा है। लेकिन इन सब के बावजूद क्षेत्र के अनेक गांव के किसानों ने गन्ना बाहर की मंडियों में बेचने की बजाए स्वयं कोल्हू लगाकर गन्ने से गुड़ तैयार कर अपना व्यवसाय करना आरंभ किया है। इससे किसानों को आय भी अधिक हो रही है वहीं मिल में भी किसानों को लाइनों में नहीं लगना पड़ रहा है।

इस बार पूरे जिले में 6 हजार हेक्टेयर भूमि में गन्ने की फसल बोई गई है। जो पिछले साल की तुलना में 2 हजार हेक्टेयर भूमि से अधिक है। पिछले साल पूरे जिले में 4 हजार हेक्टेयर भूमि में गन्ने की फसल थी। इस फसल का उत्पादन अच्छा होने के कारण रकबा बढ़ा है। लेकिन मुख्य दिक्कत गन्ने को बेचने के लिए आ रही है।

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मिल बंद हुई तो किसानों ने खुद तैयार कर लिए कोल्हू

पहले भूना में शुगर मिल थी। किसान भी बताते है कि यहां पर किसान 20 हजार हेक्टेयर भूमि में गन्ने की बिजाई करते थे। लेकिन मिल बंद हुई तो गन्ने का रकबा भी कम हो गया। लेकिन पिछले तीन चार सालों से कपास की फसल अच्छी न होने के कारण किसानों का रूझान इस तरफ बढ़ा है। यहीं कारण है कि किसान गन्ने की बिजाई फिर से करने लग गए है। किसान खुद अपने खेत में कोल्हू लगाकर गुड़ तैयार कर रहे है।

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टोहाना क्षेत्र में 50 से अधिक किसानों ने लगाए कोल्हू

कुला क्षेत्र के किसान बरेआम ¨सह ने बताया कि टोहाना खंड के करीब 50 से अधिक किसानों ने अपने खेतों में ही कोल्हू लगा रखे है। उसने 10 एकड़ में गन्ने की फसल बो रखी है। पहले दिक्कत आई लेकिन अब कोल्हू स्थापित करने के कारण वह गुड़ तैयार कर इसे बेच रहा है। एक क्विंटल गन्ने में 10 किलो गुड़ तैयार हो जाता है। जबकि वह प्रतिदिन 2 से 3 क्विंटल के करीब गुड़ वह अकेला बेचता है। बाजार में मिलावटी गुड़ 40 रुपये प्रति किलो मिलता है। लेकिन यहां पर किसान 60 रुपये प्रति किलो बेच रहे है। लोगों की लाइन लगी रहती है। लोगों को शुद्ध गुड़ मिल रहा है। इसके अलावा खाने के लिए भी गुड़ किसान तैयार करते है। जिसमें काजू, बिदाम, इलायची सहित अन्य सामग्री मिलाते है। जिसकी कीमत 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से रहती है।

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इस तरह तैयार करते हैं गुड़

किसानों के अनुसार सबसे पहले वह गन्ने को मशीन से पिराकर रस निकालते है। इसके पश्चात रस को भट्ठी पर ठोस होने तक पूरी तरह से गर्म किया जाता है। गर्म होने पर इसे खुले बर्तन में सुखाया जाता है। जबकि कुछ घंटे सूखने के बाद गुड़ तैयार हो जाता है। इसके बाद गुड़ को काटकर टुकड़ों में बांट दिया जाता है।

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