फरीदाबाद शहर में हादसों का सबब बन रहीं हाईटेंशन लाइनें, हो चुकी हैं कई घटनाएं

बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ कहते हैं कि शहर मे कई जगह अवैध निर्माण किए गए हैं। कई कॉलोनियों में नागरिकों ने छतों के आगे छज्जे निकाले हुए हैं। लाइन तो बहूत दूरी पर हैं और यह पहले से ही बिछ़ी हुई हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 03:20 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 03:20 PM (IST)
फरीदाबाद शहर में हादसों का सबब बन रहीं हाईटेंशन लाइनें, हो चुकी हैं कई घटनाएं
फरीदाबाद शहर में हाईटेंशन लाइनेंः फोटो जागरण

फरीदाबाद(अनिल बेताब)। औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनें हादसों का सबब बन रहीं हैं। छतों पर काम करते हुए इन लाइनों की चपेट में आने से मौतों के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में भी बिजली निगम की ओर से ओवरहेड कंडक्टर लाइन की जगह इंसुलेटेड केबल नहीं लगाई जा रहीं हैं। आरडब्ल्यूए की ओर से इस बाबत कई बार मांग की जा चुकी है। पिछले दो वर्षों में बड़खल विधानसभा क्षेत्र के पांच नंबर एम ब्लाक तथा एसजीएम नगर में कई घटनाएं हो चुकी हैं। एसजीएम नगर बी ब्लाक निवासी विजय सैनी और माला देवी का बेटा आयुष और बेटी आयुषी की बिजली की लाइन की चपेट में आकर झुलसने से मौत हो गई थी।

हैरानी की बात है कि एसजीएम नगर बी ब्लाक आरडब्ल्यूए की ओर से पहले ही कई बारे में मांग की गई थी कि उनके यहां बिजली आपूर्ति के लिए ओपन ओवरहेड कंडक्टर लाइन की जगह इंसुलेटेड केबल होनी चाहिए।

पांच नंबर एम ब्लाक में भी हुई थी घटना

15 सितंबर रात करीब नौ बजे हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से रोहित बतरा की मौत हो गई थी। रोहित बतरा अपने मकान की छत पर मोबाइल फोन से किसी से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान हाईटेंशन लाइन की चपेट आ गए। करंट लगने से झटका लगा और दूर जा गिरे। परिवार वाले रोहित को बादशाह खान अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लेकर आए थे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से पहले पांच नंबर एम ब्लाक,आरडब्ल्यूए के प्रधान तेजेंद्र खरबंदा ने कई बार बिजली निगम से मांग की थी कि यहां से हाईटेंशन लाइनें हटाकर इंसुलेटेड केबल डाली जाए। निगम के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

गिर सकता है जर्जर खंभा, नहीं सुनते एसडीओ

जेई नागरिकों की शिकायत है कि बिजली निगम के एसडीओ और जेई सुनवाई नहीं करते। चावला कालोनी, बल्लभगढ़ निवासी विनोद देवधर कहते हैं कि गायत्री मंदिर के पास एक खंभा जर्जर हो गया था। कई बार शिकायत करने पर नया खंभा तो लगा दिया गया। पुराना जर्जर खंभा आज भी वहीं खड़ा है। इसे हटाया जाना चाहिए। यह जर्जर खंभा कभी भी गिर सकता है। हैरानी की बात है कि जो नया खंभा पिछले दिनों लगाया गया था, वह भी जर्जर होकर झुकने लगा है।

छतों के आगे छज्जे निकालने पर भेजे जा रहे नोटिस

बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ कहते हैं कि शहर मे कई जगह अवैध निर्माण किए गए हैं। कई कॉलोनियों में नागरिकों ने छतों के आगे छज्जे निकाले हुए हैं। लाइन तो बहूत दूरी पर हैं और यह पहले से ही बिछ़ी हुई हैं। नागरिकों ने नियमों को ताक पर रख कर मकान बाद में बनाए हैं। हमने अब तक 700 से अधिक नोटिस दिए हैं। हादसों से बचने के लिए नागरिकों से कहा गया है कि वे छज्जे खुद ही हटा दें। नगर निगम से भी संपर्क किया जाएगा, जिससे कि अवैध निर्माण को बढ़ावा न मिले। सभी एसडीओ को आदेश दिए हैं कि जिन क्षेत्रोे में पुराने और जर्जर खंभे हैं, उन्हें बदला जाए।

बिजली लाइन की चपेट में आने से हुए हादसों का ब्योरा वर्ष 2019 में खुर्शीद का बेटा मकान के छज्जे पर खड़ा होकर सफेदी कर रहा था, तो लाइन की चपेट में आने से मौके पर मौत हो गई थी।  विजयपाल की 5 वर्षीय पोती पिंकी छत पर खेलते हुए झुलस गई थी। इस वर्ष एक बुजुर्ग छत पर कपड़े सुखा रहे थे, तो लाइन की चपेट मे आने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। इस वर्ष फरवरी में राहुल का बेटा मोनिस भी करंट लगने से बुरी तरह झुलस गया था। इस वर्ष 11 सितंबर को हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एसजीएम नगर बी ब्लाक निवासी विजय सैनी और माला देवी का बेटा आयुष की मौत हो गई थी। बाद में आयुषी की भी मौत हो गई थी। इस वर्ष 15 सितंबर को हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से रोहित बतरा की मौत।

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