खाद न मिलने से किसानों की बढ़ी मुश्किल

जागरण संवाददाता, तिगांव : जिले में यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। फि

By Edited By: Publish:Sun, 25 Jan 2015 06:44 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jan 2015 04:51 AM (IST)
खाद न मिलने से किसानों की बढ़ी मुश्किल

जागरण संवाददाता, तिगांव :

जिले में यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। फिलहाल इससे निजात मिलती भी नजर नहीं आ रही। तीन दिन पहले हुई बारिश के बाद फसल में खाद न मिलने से नुकसान की संभावना है। इससे खाद के लिए समिति कार्यालयों पर किसानों की लंबी लाइनें लग रही हैं, फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है।

तीन दिन पहले हुई बारिश से किसानों को फसल की सिंचाई से कुछ राहत मिली है लेकिन समय पर खाद न मिलने से सब बराबर हो जाएगा। सिंचाई होने के कुछ दिन बाद फसल में यूरिया खाद डाला जाता है। अगर खाद समय पर नहीं मिलता है, तो फसल का पचराव (पौधे का फुटाव) रुक जाता है और पीली पड़ने लगती है। पैदावार पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इस कारण किसान समय पर फसल में खाद नहीं डाल पा रहा है। इससे फसल में होने वाले नुकसान को लेकर किसान चिंतित है।

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बरसात होने से किसानों को फसल की सिंचाई करने में काफी लाभ मिला है। इससे किसानों को खर्चा भी बचा है लेकिन खाद नहीं डलने से फसल का पचराव नहीं हो पा रहा है। धूप निकलने पर जमीन की नमी कम होने पर खाद डालने का कोई लाभ नहीं मिलेगा। खाद के लिए किसान कभी थाने से पर्ची बनवाता है, तो कभी घंटो लाइन में लगकर। प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं हो पा रही है।

- कंवरपाल, गांव मंझावली।

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किसान पहले ही धान की कम कीमत मिलने से आर्थिक नुकसान झेल रहा है। अब गेहूं की फसल के समय यूरिया की किल्लत से होने से उत्पादन पर प्रभाव पडे़गा। इससे फिर किसान को आर्थिक नुकसान होगा। ऐसा ही चलता रहा, तो किसान को रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे।

-अजीत यादव, गांव मिर्जापुर।

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यूरिया खाद के बारे में जानकारी नहीं है। इस बारे में कृषि विभाग के उपनिदेशक ही पूरी जानकारी दे सकते हैं। अगर किसानों को परेशानी है, तो इस बारे में समाधान के लिए उपनिदेशक को कहा जाएगा ताकि उन्हें जल्द से जल्द खाद मिल सके।

-डा. प्रियंका सोनी, एसडीएम बल्लभगढ़।

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