प्रवासी कामगार स्‍पेशल ट्रेनों में सभी सीटों पर करेंगे सफर, स्‍लीपर में अब 54 नहीं 72 यात्री होंगे

अब श्रमिकाें के लिए चलाई जा रही ट्रेनों में बोगी की सभी सीटों पर यात्री सफर करेंगे। अब तक एक बोगी में 54 यात्री सफर कर रहे थे लेकिन अब सभी 72 सीटों पर यात्री सफर करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 17 May 2020 02:33 PM (IST) Updated:Sun, 17 May 2020 02:33 PM (IST)
प्रवासी कामगार स्‍पेशल ट्रेनों में सभी सीटों पर करेंगे सफर, स्‍लीपर में अब 54 नहीं 72 यात्री होंगे
प्रवासी कामगार स्‍पेशल ट्रेनों में सभी सीटों पर करेंगे सफर, स्‍लीपर में अब 54 नहीं 72 यात्री होंगे

अंबाला, [दीपक बहल]। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन पटरी पर उतारी और कामगारों के लिए शारीरिक दूरी का नियम बरकरार रखा।  72 बर्थ के स्लीपर कोच में 54 प्रवासी कामगारों को बिठाया गया। देश में 15 स्पेशल ट्रेनें चलाने के एलान के बाद 11 मई से इंडियन रेलवे कैटङ्क्षरग एंड टूरिज्म कार्पाेरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइड पर टिकटों की बुङ्क्षकग आरंभ की गई और फिर 12 मई से पटरी पर स्पेशल ट्रेनें उतर गईं।

स्पेशल ट्रेन के कोच में 72 सीट की क्षमता वाले डिब्बे में सवार हो रहे थे 54 यात्री

राजधानी एक्‍सप्रेस की तर्ज पर दौड़ रही इन स्पेशल ट्रेनों मेंं जिनती सीटें हैं उतने ही यात्री सफर कर रहे हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी को लेकर कामगार प्रवासियों के लिए जो नियम बने वह स्पेशल ट्रेनों से अलग दिखे। प्रवासी कामगार और राजधानी का किराया देकर यात्रा कर रहे यात्रियों के नियमों को लेकर विरोधाभास नजर आने लगा। ऐसे में रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए भी अलग से एक आदेश जारी कर दिए। इसमेंं कहा गया कि स्लीपर कोच में जितनी सीटें होती हैं उतने ही प्रवासी कामगारों को बिठाया जा सकता है। अब स्लीपर कोच में 54 नहीं बल्कि 72 यात्री सफर कर रहे हैं।

स्पेशल ट्रेनों में अब मिडिल बर्थ की भी होगी बुकिंग

उत्तर रेलवे का यह आदेश अंबाला, फिरोजपुर, दिल्ली, मुरादाबाद और लखनऊ पहुंच गया। बता दें लॉकडाउन में देशभर में फंसे प्रवासी कामगारों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने अब तक 1 हजार 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतारी हैं। कामगारों को वापस लाने के लिए भी रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाई।

स्पेशल ट्रेनों की तर्ज पर ही दौड़ेंगी और रेलगाडिय़ां

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मिडिल बर्थ को खत्म करने का कोई फैसला नहीं लिया गया। स्लीपर कोच में 72 की जगह 54 प्रवासी कामगारों को बिठाया गया, लेकिन 11 मई को उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने प्रवासी कामगारों को लेकर लिखित आदेश जारी कर दिए थे।

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