फिल्म रिव्यू : मैगी (2 स्टार)

जॉम्बि जोनर पर पहले भी फिल्म बन चुकी है। हॉलीवुड में इस जोनर पर फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर्स की कोशिश है कि इन फिल्मों को दर्शकों के साथ ही मेकर्स के लिए भी लाभ का सौदा बनाया जा सके। जॉम्बी जोनर में बनने वाली फिल्म ग्लैमरस तो नहीं है क्योंकि

By Tilak RajEdited By: Publish:Sat, 30 May 2015 08:03 AM (IST) Updated:Sat, 30 May 2015 08:35 AM (IST)
फिल्म रिव्यू : मैगी (2 स्टार)

प्रमुख कलाकार : आर्नोल्ड श्वेजनेगर, अबीगली ब्रेसलिन

फिल्म निर्देशक : हेनरी होबसन

स्टार : 2

जॉम्बि जोनर पर पहले भी फिल्म बन चुकी है। हॉलीवुड में इस जोनर पर फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर्स की कोशिश है कि इन फिल्मों को दर्शकों के साथ ही मेकर्स के लिए भी लाभ का सौदा बनाया जा सके। जॉम्बी जोनर में बनने वाली फिल्म ग्लैमरस तो नहीं है क्योंकि वैंपायर पर बेस्ड फिल्म होती है। ऐसे में आपके सामने वो लोग आते हैं जो लोगों को खाते हैं। जिनके चेहरे खराब होते हैं। इसमें कुछ भी सेक्सी तो नहीं है। इसलिए मेकर्स की कोशिश होती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का मनोरंजन किया जा सके।

मैगी

अर्नाल्ड श्वेजनेगार ने इस बार ऐसा ही कुछ प्रयोग किया है। हालांकि 'मैगी' के साथ भी ऐसा हुआ है कि हॉरर के बजाए कई बार फिल्म कॉमेडी लगती है।

'मैगी' कहानी है एक पिता और बेटी के रिश्ते की। अर्नाल्ड श्वेजनेगार की बेटी एकाएक जॉम्बी बनने लग जाती है। पिता इस कोशिश में हैं कि कैसे भी करके वो अपनी बेटी को बचा लें। इसके लिए पिता किस हद तक जाता है यह बात जरूर देखने वाली है। हालांकि कहानी बीच में कई बार भटक जाती है। इसलिए लय टूटती है। फिल्म की कहानी अच्छी होते हुए भी उसे ठीक से परदे पर नहीं उतारा गया है। यही कारण है कि दर्शक फिल्म से जुड़ नहीं पाते हैं।

सबकुछ फिल्म में बोरिंग सा लगता है। बहुत ही डलनेस सा महसूस होता है। अर्नाल्ड इस बार बहुत ही सीरियस किरदार में है। ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं किया है। यह पहला मौका है जब उन्होंने ऐसा किरदार निभाया है। फैंस जो है वो इस रोल से निराश होंगे।

अर्नाल्ड की मौजूदगी से फिल्म में कुछ देर के लिए ही सही मगर बात तो बनती है मगर कहानी की गडमड से बात उलझ जाती है। फिल्म में कुछ देर बाद अन्य हॉरर फिल्मों जैसा ही महसूस होने लगता है। कोई बड़ा थ्रिल तो नहीं देखने को मिलता। एक मौका तो ऐसा आता है जब इसे देख बिलकुल भी डर नहीं लगता है। यही इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है। यह देख लगता है कि फिल्ममेकर ने क्या सोचकर फिल्म बनाई।

- मिहिर फणनवीस

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