Suraiya Death Anniversary: संजय दत्त की नानी ने दिया पहला मौका, AIR से सिल्वर स्क्रीन पर ऐसे पहुंची सुरैया
Suraiya Death Anniversary सुरैया सिनेमा की उम्दा अदाकाराओं में से एक थीं। वह अपने जमाने की सबसे महंगी अभिनेत्री रही हैं। फिल्मों में अभिनय के अलावा सुरैया ने अपनी आवाज से भी दर्शकों का दिल जीता। आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी छाप फैंस के दिलों में अब भी छपी है। कल उनकी डेथ एनिवर्सरी है।
HighLights
- सुरैया को 12 साल की उम्र में मिला था बड़ा ब्रेक
- गायिकी की उस्ताद थीं सुरैया
- अपने जमाने में सबसे ज्यादा फीस वसूलती थीं सुरैया
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Suraiya Death Anniversary: हिंदी सिनेमा जब अपने पैरों पर खड़े होकर इतरा रहा था, एक ऐसी खूबसूरत और हुनरमंद एक्ट्रेस ने दस्तक दी, जिसकी अभिनय और आवाज दोनों से फिल्मों सिनेमा को समृद्ध बनाया।
देश की आजादी से दो साल पहले हिंदी सिनेमा में बतौर लीड एक्ट्रेस डेब्यू करने वाली सुरैया (Suraiya) के असर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दशकों बाद आज भी उनकी बातें होती हैं। सिनेमा में कई कलाकार आए और गए, लेकिन कुछ चुनिंदा सितारे रहे, जो इस दुनिया में न होकर भी सिनेमा की जड़ों से जुड़ गए। इनमें एक नाम सुरैया का भी है।
सुरैया सिनेमा की पहली लेडी सुपरस्टार रहीं। उनका चार्म किसी को भी दीवाना बना देता। लोग उनकी खूबसूरती के दीवाने थे। फैंस ही नहीं, बड़े-बड़े अभिनेता भी सुरैया को पाने के लिए बेताब रहते थे। उन्हें सिनेमा की 'मल्लिका-ए-हुस्न' और 'मल्लिका-ए-अदाकारी' जैसे नामों से बुलाया जाता था। 31 जनवरी को सुरैया की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर जानिए अभिनेत्री के करियर के शुरुआती दौर के बारे में...
छोटी सी उम्र में थामा माइक
15 जून 1929 को लाहौर में जन्मी सुरैया का पूरा नाम सुरैया जमाल शेख था। जब वह एक साल की थीं, तभी उनके माता-पिता परिवार के साथ मुंबई (बॉम्बे) में शिफ्ट हो गए थे। सुरैया के अंकल एम. जहूर फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखते थे। जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई या खेलने में मग्न रहते हैं, उस वक्त सुरैया फिल्मी दुनिया में अपना भविष्य बनाने निकल गई थीं।
सुरैया ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में बतौर सिंगर की थी। उन्होंने बच्चों के एक प्रोग्राम में गाना गाया था। उस वक्त वह सिर्फ 6 साल की थीं। गाने के साथ-साथ सुरैया की अदाकारी भी कमाल की थी, जिसका सबूत 'मैडम फैशन' से मिल गया था। जद्दन बाई (नर्गिस की मां) की फिल्म से उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया था।
इस फिल्म ने बदली सुरैया की किस्मत
सुरैया को फिल्मों का बहुत शौक था। उन्हें जब भी स्कूल से छुट्टियां मिलती थी, वह अपने अंकल के साथ फिल्म स्टूडियो चली जाया करती थीं। एक बार वह अपने अंकल के साथ मोहन स्टूडियो में फिल्म 'ताज महल' (1941) की शूटिंग देखने गईं। सुरैया को नहीं पता था कि जिस फिल्म की शूटिंग देखने जा रही हैं, उसी में उन्हें लीड रोल मिल जाएगा।
जब सुरैया 'ताज महल' की शूटिंग देखने गईं, तब उन पर डायरेक्टर नानूभाई वकील की नजर पड़ी। एक्ट्रेस का चार्म और उनकी मासूमियत देख डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने से खुद को रोक नहीं पाए। इसमें एक्ट्रेस ने मुमताज महल का किरदार निभाया था।
फिल्मों में चला सुरैया की आवाज का जादू
एक्टिंग के अलावा सुरैया के पास गाने का हुनर भी था। जब नौशाद अली ने 13 साल की सुरैया को गाता हुआ देखा तो वह उनकी गायिकी से इस कदर इंप्रेस हो गए कि उन्हें 'शारदा' (1942) में गाने का मौका दिया। वह सुरैया के मेंटर थे। उन्होंने 'तमन्ना', 'स्टेशन मास्टर' और 'हमारी बात' जैसी फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करने के अलावा इसमें अपनी आवाज भी दी।
हीरोइन बनकर किया इंडस्ट्री पर राज
साल 1945 में फिल्म 'तदबीर' से सुरैया को हीरोइन के रूप में पहला ब्रेक मिला था। वह देव आनंद के साथ 'विद्या', 'जीत', 'अफसर', 'सनम', 'मिर्जा गालिब', 'इशारा' जैसी फिल्मों में एक्ट्रेस ने किया है। सुरैया ने अपने करियर में कुल 67 फिल्में की हैं और 338 गानों को अपनी आवाज दी। सुरैया ने साल 1963 में इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया था।
ताउम्र कुंवारी रहीं सुरैया ने 31 जनवरी 2004 को 75 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह कई बीमारियों से जूझ रही थीं।
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