मंटो बने नवाज ने कहा बायोपिक का मतलब मिमिक्री करना नहीं होता

फिल्म मंटो 21 सितंबर को रिलीज होने जा रही है जिसमें मंटो की भूमिका में नवाजुद्दीन नजर आएंगे।

By Rahul soniEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 02:48 PM (IST)
मंटो बने नवाज ने कहा बायोपिक का मतलब मिमिक्री करना नहीं होता
मंटो बने नवाज ने कहा बायोपिक का मतलब मिमिक्री करना नहीं होता

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हिंदी सिनेमा के एकमात्र ऐसे कलाकार होंगे, जिन्होंने अबतक तीन बार बायोपिक किरदार निभाए हैं। नवाज फिल्म मांझी में दशरथ मांझी का किरदार निभाते नजर आए थे। वहीं जल्द ही वह नंदिता दास की फिल्म मंटो में मंटो का भी किरदार निभाते नजर आएंगे। इसके बाद जल्द ही उनकी फिल्म बाला साहेब ठाकरे भी जल्द रिलीज होगी।

खास बात यह है कि वह हर किरदार के बायोपिक में फिट बैठते हैं। यह पूछे जाने पर कि वह किस तरह हर बायोपिक में सटीक किरदार निभा लेते हैं तो नवाज ने इस बारे में कहा कि उनकी पूरी कोशिश होती है कि वह जब भी कोई बायोपिक किरदार निभाएं तो उसमें मिमिक्री करने की कोशिश बिल्कुल ना करें। वह उस इंसान की, जिसकी बायोपिक कर रहे हैं, उनकी कॉपी करने की बिल्कुल कोशिश नहीं करते। वह कहते हैं कि मैं बॉलीवुड की टिपिकल एक्टिंग नहीं करना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि एक्टिंग को थोड़ा और समय दूं। अलग तरीके से प्रस्तुत करूं। नवाज आगे कहते हैं कि बायोपिक बनाना किसी के लिए भी आसान काम नहीं है। सिर्फ सिक्स पैक ऐब्स बना लेना ही बायोपिक नहीं है। या फिर ये सोच कर कि मैं टैलेंटेड हूं, कर लूंगा, ऐसा नहीं होता है। मेरा मानना है कि टैलेंट जैसा कुछ नहीं। आपको प्रैक्टिस करनी पड़ती है। किरदार के उठने बैठने से चलने तक सभी का तरीका, मिमिक्री भी नहीं कर सकते हैं। मिमिक्री करते पकड़े जाएंगे। कुछ लोगों की आप मिमिक्री नहीं कर सकते हैं। ये अलग बात है कि हमारे यहां बायोपिक बनाना मुश्किल नहीं होता है लेकिन बायोपिक का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल होता है।

मंटो के लिए सबसे पहले फिजिकालिटी तैयार की फिर उनकी सोच में गए। डायलॉग का जो कंस्ट्रक्शन था, वो रिदम में है ऐसे में आप उसमें कुछ भी एड ऑन करते हैं तो वो खराब हो जाएगा। मंटो के समय मुझे कहानी में जहां लिबर्टी लेनी थी वहां ली, लेकिन संवाद के जरिए नहीं ली। इसके लिए मंटो फिल्म की पूरी टीम की तारीफ करनी होगी। सेट पर बहुत अच्छा माहौल था क्योंकि जितने भी लोग मंटो फिल्म से जुड़े थे। सब बहुत ही विवेकपूर्ण थे टिपिकल फिल्मी टाइप नहीं।

नवाज आगे कहते हैं कि ऐसा माहौल अच्छा लगता है जहां लोग जागरुकता की बात करते हैं। निर्देशिका नंदिता दास पढ़ी लिखी महिला हैं, इसलिए लोग उनकी इज्जत भी करते हैं। बता दें कि मंटो 21 सितम्बर को रिलीज होने का रही है। 

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